• अमलतास में हुआ जिले में पहली बार हुआ नवीन तकनीक से रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर का ऑपरेशन
देवास। अमलतास अस्पताल के प्रबंधक विजय जाट ने जानकारी देते हुए बताया की श्रीमती बबीता सक्सेना उम्र 40 वर्ष निवासी भेरूगढ़ उज्जैन उत्साह के साथ अपने पुत्र के विवाह की तैयारियो में व्यस्त थी। अचानक बबीता सक्सेना घर पर ही सीढ़ियों से उतरते समय पैर फिसला और वो नीचे आ गिरी ,इस दुर्घटना में न सिर्फ उनको सिर में चोट लगी बल्कि उनकी रीढ़ की हड्डी में भी फ्रेक्चर हो गया। इमरजेंसी मे परिजन तत्काल उन्हें उज्जैन के एक निजी अस्पताल में ले गए जहा उन्हे 7 – 8 दिन भर्ती रहकर रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन की सलाह दी गई जिसका अनुमानित खर्च 2 लाख रू. लगभग बताया गया। परिजन मरीज को अमलतास अस्पताल लेकर आए और उन्हे यहा स्पाईन सर्जन डॉ. अर्पित उपाध्याय को दिखाया परिवार की परिस्थिति को देखकर डॉ अर्पित उपाध्याय द्वारा उन्हें तुरंत भर्ती कर रात में ही आयुष्मान कार्ड द्वारा उनकी रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर का ऑपरेशन नवीनतम मिनिमल इनवेसिव तकनीक के द्वारा किया गया। इस तकनीक से रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन होने के कारण मरीज श्रीमती बबीता सक्सेना को दूसरे ही दिन अपने पैरो पर चलवा दिया गया और ऑपरेशन के तीसरे दिन ही वो अमलतास से डिस्चार्ज होकर अपने पुत्र के विवाह में सम्मिलित हो सकी ।
मरीज की रीढ़ की हड्डी में इतना बड़ा फ्रेक्चर था जिसे 8 स्क्रू से फिक्स करना था इस तकनीक में मरीज की पीठ में लम्बा चीरा न लगाकर अलग – अलग जगह से 8 अत्यंत छोटे छिद्र बनाकर उनमें से 8 स्क्रू के द्वारा रीढ़ की हड्डी के फ्रेक्चर को फिक्स कर दिया गया। जिससे आपरेशन के दौरान रक्तस्त्राव नही होने से ना मरीज को रक्त चढ़ाने की जरूरत हुई, ना कमजोरी जिसके कारण कई दिनों तक बिस्तर पर लेटे रहना पड़ता है और ना ही लंबे समय तक दवाइया लेना पड़ेगी। ऑपरेशन के तीसरे दिन ही मरीज स्वयं चलकर अपने घर चली गई ।
मिनिमल इनवेसिव तकनीक से इस प्रकार की स्पाईन सर्जरी अमलतास में और सम्पूर्ण देवास जिले में पहली बार की गई ।अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया ने अमलतास देवास के युवा सर्जन डॉ अर्पित उपाध्याय को इस उपलब्धि पर बधाई दी।