सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना जारी पर शासन प्रशासन की ओर से अभी तक सुध नही ली
आष्टा(विक्रम ठाकुर) धरने के ग्यारवे दिन आष्टा युवा संगठन व किसान संघ ओर अन्य संगठनों ने भी दिया हल्ला बोल आंदोलन कोअपना समर्थन ग्रामीणों ने सदबुद्धि हवन किया गांव गांव में पुतले जलाये काली पट्टी बांधकर विरोध किया क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ लगाए नारे पर कोई सुध लेने को तैयार नही 15 वर्षो से बदहाल 22 किलोमीटर की खाचरौद सिद्धिगंज सड़क के भूमिपूजन हुए 6 माह बीत चुके हैं।
सडक निर्माण कार्य शुरू करने की मांग को लेकर 10 जून से धरने पर बैठे ग्रामीणों
सिर्फ आश्वासन देते रहे विधायक, फिर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा गौरतलब है की खाचरौद सिद्धिगंज सड़क ग्राम धुराड़ा तक जिसकी कुल लंबाई 22 किलोमीटर तक कि है ऊक्त सड़क का भूमिपूजन 8 जनवरी को आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय सहित भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय की मौजूदगी में भव्य आयोजन कर किया गया था। लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी ऊक्त सड़क का निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया इसको लेकर मीडिया ने आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय से जब जब प्रश्न किया तो आष्टा विधायक जल्द सड़क निर्माण होने का आश्वासन देते दिखाई दिए थे
इस दौरान आष्टा विधायक द्वारा जनपद पंचायत सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में जब पत्रकारों ने फिर यही प्रश्न दोहराया तो आष्टा विधायक मालवीय ने कहा कि 2 जून तक सड़क निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। नही तो ठेकेदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा बोला पर कुछ नही हुवा। लेकिन 2 जून को नाहि सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ नाही ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नही हुई तो ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और 7 जून को आष्टा तहसील कार्यालय पहुंचकर एसडीएम विजय मण्डलोई को ज्ञापन सोप सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की, अन्यथा 10 जून से धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी।
अपने कहे अनुसार जब 10 जून तक कार्य शुरू हुआ नही तो ग्रामीणों ने खाचरौद में धरना प्रदर्शन शुरू किया।
वही आज धरना प्रदर्शन का 11 दिवस हो गए लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि या प्रशासन का जिम्मेदार अफसर ग्रामीणों से मिलने नही पहुचा तो गुस्साए ग्रामीणों ने आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी विधायक मुर्दाबाद,होश में आओ प्रशासन के नारे लगाए।
इस दौरान नायब तहसीलदार अंकिता वाजपेयी जरूर प्रथम दिवस और धरने के तीसरे दिन धरना स्थल पहुंचकर युवाओं से चर्चा की लेकिन यह चर्चा भी बेनतीजा निकला था। ग्रामीणों का कहना है कि एक पोकलैंड मशीन भेजी जो भी 4 दिन से खड़ी है लेकिन यह मशीन भेजने पर भी ग्रामीणों ने महज औपचारिकता बताया थऔर सड़क निर्माण कार्य को तेजी से करने की मांग पर आज तक बेठे है आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के युवा इस आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंच रहे हैं