तीसरी लहर से बचाव के लिए अभी प्रशासन कर रहा है तैयारियां
देवास। देश सहित पूरी दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह स्थिति निर्मित की थी। विशेषज्ञों की माने तो आगामी सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की संभावना है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। तीसरी लहर से बचाव के लिए सभी को सजग रहना होगा, नहीं तो इसके प्रभाव से एक बार फिर भयावह स्थिति निर्मित हो जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए शासन द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करना बहुत जरूरी है।
• ऑक्सीजन प्लांट लगा, बच्चों के लिए आईसीयू कक्ष हो रहे हैं तैयार
कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी में जूट गए हैं। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई एवं कालाबाजारी को देखा है। इस मंजर को हम कभी नहीं भुला सकते हैं। ऑक्सीजन के लिए सिलेंडरों को उठाये मरीज के परिजनों द्वारा इधर-उधर भटकर लाये हैं तथा अपने परिजनों को बचाने का प्रयास किया है। इस प्रकार की स्थिति भी निर्मित न हो इसके लिए जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य प्रारंभ हुआ और मरीजों को ऑक्सीजन प्लांट से मिलना भी शुरू हो गई है, वहीं औद्योगिक क्षेत्र में भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गया है। इसके साथ ही जिले अन्य सामुदायिक भवनों में भी ऑक्सीजन प्लांट का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके साथ ही विधायक देवास गायत्रीराजे पवार द्वारा बच्चों के लिए आईसीयू कक्ष बनाने तथा कोविड के दौरान उचित इलाज के लिए राशि स्वीकृति की है। आईसीयू कक्ष का कार्य लगभग पूर्ण होने को हैं।
• कोरोना भय से भी मरे लोग
देखने एवं सुनने में अक्सर यहीं आया कि लोग बुखार आने एवं सर्दी, खांसी होने तथा सांस लेने की तकलीफ होने पर घर पर ही इलाज कराने लगे। उन्हें यहीं डर सताता रहा कि यदि वे अस्पताल में भर्ती हो गए तो फिर वापस नहीं आएंगे। इस डर से ही अधिकतर लोगों की मौत हुई। वहीं राज्य शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा अक्सर अपील की गई कि बुखार, सर्दी, खांसी या सांस लेने मे तकलीफ होने पर तुरंत फीवर क्लिनिक बताएं तथा आवश्यक उपचार कराएं।
• ग्रामीण क्षेत्र में अब भी मास्क नहीं लगा रहे हैं
धरातल पर देखे तो ग्रामीण अंचलों में लोग सिर्फ पुलिस के डर से ही मास्क लगा रहे हैं। कुछ ग्रामीणों से चर्चा की तो बताया कि लॉकडाउन खत्म हो गया तो अब मास्क का क्या काम। लेकिन इस दूसरी लहर में शहरी क्षेत्र की बजाय ग्रामीण लोगों ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ग्रामीण अंचलों के निवासियों को विशेष सजग रहने की आवश्यकता है।