• शनिवार को खातेगांव क्षेत्र में वृहद पैमाने पर आयोजित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कार्यक्रम का नहीं किया कवरेज
खातेगांव(अनिल उपाध्याय) जहां एक ओर सरकारी खजाने से पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम के सिर्फ प्रचार-प्रसार पर ही लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए, तो वहीं स्थानीय मीडिया को खातेगांव में वृहद पैमाने पर होने वाले इस कार्यक्रम की आधिकारिक सूचना देना तक उचित नहीं समझा गया। हां, कार्यक्रम स्थल से ही पत्रकारों को निमंत्रण देते हुए फोन जरूर किए गए, लेकिन जब तक कार्यक्रम आधे से ज्यादा हो चुका था। ऐन मौके पर फोन आने पर कुछ पत्रकारों ने कार्यक्रम में शामिल होने पर साफ तौर से मना कर दिया, तो वहीं कुछ-एक जब कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे, तो उन्हें अपने बैठने के लिए उचित स्थान वहां पर नहीं दिखा। जिससे असंतुष्ट पत्रकार कुछ ही मिनटों में कार्यक्रम स्थल से निकल गए। अपने संबंधों की बजाए स्वाभिमान को महत्व देते हुए एक तरह से पूरे खातेगांव मीडिया ने इस कार्यक्रम का बॉयकाट करते हुए इसका कवरेज नहीं किया। मजबूरन मंच पर अतिथि बनकर बैठे कई नेताओं को सोशल मीडिया पर ही फोटोज़/वीडियोज़ इधर-उधर करके संतुष्ट होना पड़ा।
गौरतलब है कि पार्टी विशेष से जुड़े गिनेचुनों को छोड़ दें, तो बाकी पत्रकार स्थानीय नेताओं और अधिकारियों द्वारा लगातार उपेक्षा के चलते नाराज हैं। कुछ दिन पूर्व हुए ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण कार्यक्रम की भी विधिवत सूचना नहीं दी गयी थी। इसके अलावा पूर्व में भी ऐसे कई अवसर आएं हैं जब नेताओं-अधिकारियों को स्थानीय पत्रकारों की उपेक्षा करते देखा गया है।
लेकिन शनिवार को पत्रकारों द्वारा अपने स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान को जिंदा रखने के लिए दिखाई गई एकता और इस कड़े रुख के बाद अब संभव है कि नेताओं-अधिकारियों को सबक मिले, क्योंकि इस पूरे वाकिये की जानकारी बड़े नेताओं और पार्टी कार्यालय तक भी पहुंच चुकी है।