देवास। भारत देश विविधताओं का देश है यहाँ वर्षभर अनैको त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाएं जाते है। इसी कड़ी में भारत देश में मनाए जाने वाली नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का आगमन होता है। नवरात्रि में देवी के नौ रुपों की पूजा की जाती है। चैत्र एवं अश्विन (क्ंवार) माह में प्रकट या प्रत्यक्ष नवरात्रि का आगमन होता है तो इसी तरह माघ एवं आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। शहर के विद्वत व माता टेकरी पर स्थित माँ चामुंडा मंदिर के पुजारी श्री सुरेश नाथ बताते है कि गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा के दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान भक्त त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, मां बंगलामुखी, मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, माता भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, माता मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस पूजा से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस वर्ष आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 11 जुलाई से हो रही है। षष्टी तिथि का क्षय होने से इस वर्ष आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र 8 दिन के रहेंगे। इस नवरात्रि में विशेषकर शक्ति साधना तांत्रिक क्रियाएं मंत्रों को साधने जैसे कार्य किये जाते हैं। देवी भगवती के भक्त नियम के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। चामुण्डा माता टेकरी पर स्थित शीलनाथ धूनी वाले महंत बताते है कि गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस नवरात्रि में जो लोग साधना पर बैठते है। वे साधक अपनी साधना के बारे में किसी को जानकारी नहीं देते है। दस महासिद्धियों में से एक सिद्धि को चुनकर गुप्त तरीके से सिद्ध किया जाता है।
गुप्त नवरात्र के दौरान शहर की प्रसिद्ध माता टेकरी पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुँचेगे। पिछले कुछ समय में कोरोना संक्रमण के चलते लगाये गए लॉकडाउन के दौरान माता टेकरी के बंद होने से चेत्रिय नवरात्री में श्रद्धालु माता टेकरी के दर्शन के लिए नहीं पहुँच पाए थे, परंतु अब गुप्त नवरात्री के दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में माता टेकरी पर दर्शन के लिए पहुँच रहे हे।
• नवरात्र प्रारम्भ के साथ पुष्य नक्षत्र का योग
गुप्त नवरात्र के प्रारंभ होने के साथ आज रवि पुष्य नक्षत्र व् सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बना है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य सभी शुभ कार्य कर सकते है। यह इस वर्ष का पहला और आखरी रवि पुष्य योग होगा। जानकार अनुसाय रविवार को अगर पुष्य नक्षत्र हो तो यह रवि पुष्य नक्षत्र माना जाता है। यह आज सुबह से रात करीब सवा 2 बजे तक रहेगा।