बागली (सुनील योगी) – छतरपूरा में चल रही कथा में चतुर्थ दिवस दिन बुधवार को श्री कृष्ण जन्मोउत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया गया कथा वाचक संत श्री महेश गुरुजी उज्जैन ने कहा की मनुष्य के जीवन में अच्छे बुरे दिन दिन प्रभु की कृपा से ही आते हे जिस समय भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ जेल के ताले टूट गए पहरेदार सो गए वासुदेव व देवकी को बंधन से मुक्त हो गये प्रभु की कृपा से कुछ भी असम्भव नही हे कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखो से वंचित कर देते हे भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी यमुना पार करके उन्हें गोकुल पंहुचा दिया वहाँ से वह यशोदा के यह पेंदा हुई शक्ति रूपा बेटी को लेकर चले आये उन्होंने कहा की कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्ति रूपा को छिनकर ज़मीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छुटकर आसमान में चली गई शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी की कंस तेरा वध करने वाला पेदा हो चुका हे भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लोट गया उधर नंद बाबा के यह बधाइयाँ का ताता लग गया इसी वृतांत के दौरान पंडित महेश गुरु जी ने पति पत्नी को भी वर्तमान समय में संतुलन बनाने के लिए कहा है पति को भी हिदायत दी वह पत्नी को शक्ति स्वरूपा माने और सम्मान करें वही पत्नी अपने पति को परमेश्वर मानकर उसकी सभी आज्ञा का पालन करें इसी प्रकार एक दूसरे का सम्मान करने से जीवन की गाड़ी संतुलन में चलेगी व्यवस्थापक गोपाल ठाकुर ने बताया गुरुवार को कथा का पंचम दिवस रहेगा जिसमें भगवान श्री गिरीराज धरण का पूजन कर 56 प्रकार के व्यंजनो द्वारा भोग लगाया जायेगा