देवास, 25 अगस्त 2020/ उप संचालक कृषि श्रीमती नीलमसिंह चौहान ने बताया कि जिले में वर्तमान में सोयाबीन की फसल में रोग एवं कीटव्याधि का प्रकोप होने की स्थिति बनी हुर्इ्र है। जिसको ध्यान में रखते हुये, डायग्नोस्टिक टीम द्वारा विकासखण्ड देवास राजोदा, खेताखेडी, बरखेडा कोतापार्इ, एवं बापचा गुर्जर आदि ग्रामों के कृषकों के खेतों में सेायाबीन फसल का निरीक्षण किया, जिसमें सोयाबीन की फसल में फफूंद जनित एन्थ्रेकनोज एवं पीला मोजेक बीमारी का प्रकोप पाया गया।
उपसंचालक कृषि श्रीमती चौहान ने कृषकों को सलाह दी की सोयाबीन की फसल में फफूंद जनित एन्थ्रेकनोज नामक बीमारी का प्रकोप हुआ है, जिसके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाझोल 625 मिली प्रति हैक्टर अथवा टेबूकोनाझोल+सल्फर 1 किलोग्राम प्रति हैक्टर अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 प्रतिशत डब्ल्यू.जी. 500 ग्राम प्रति हैक्टर या हेक्सोकोनोझोल 5 प्रतिशत ईसी 800 मिली. प्रति हैक्टर का छिडकांव करने से उक्त बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सहायक संचालक कृषि श्री लोकेश गंगराडे द्वारा कृषकों को सफेद मक्खी एवं कीट नियंत्रण के लिए थायमिथोक्सोजाम 12.6 प्रतिशत+लेम्डा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत 125 मिली. प्रति हैक्टर की दर से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी।
डायग्नोस्टिक टीम में उपसंचालक कृषि श्रीमती नीलमसिंह चौहान, सहायक संचालक कृषि एवं नोडल अधिकारी श्री लोकेश गंगराड़े, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री जे.एस. तोमर, क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी शामिल है।