देवास। प्रांतीय शिक्षक संघ के आव्हान पर प्रदेश के हर जिले में ज्ञापन दिया जा रहा है। प्रांतीय शिक्षक संघ जिला देवास ने 26 सूत्रीय माँगो को लेकर गुरूवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कार्यकारी अध्यक्ष अरूण मिश्रा ने ज्ञापन में बताया कि अध्यापक एवं नवीन शिक्षक संवर्ग की विभिन्न लम्बित माँगो से समय-समय पर सरकार को अवगत किया गया है, किन्तु सरकार द्वारा माँगो का निराकरण नही किए गए। सरकार द्वारा हमेशा ही गुरुजी, अनुदेशक, पर्यवेक्षक, शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षकों, अध्यापकों के साथ भेदभाव कर संवर्ग शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। संवर्ग की माँग है कि मूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर मूल पदनाम देते हुए भारतीय संविधान के नियम 1976 से प्रथम नियुक्ति दिनाँक सेवा से सेवा की गणना कर वरिष्ठता लाभ देते हुए पूर्व पेंशन एवं परिवार पेंशन लाभ, ग्रेच्यूएटी लाभ, बीमा, अनुकम्पा सहित विभिन्न मांगे रही है। सरकार ने ऐसा न कर 01 जुलाई 2018 से मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नवीन शैक्षणिक संवर्ग का गठन कर संविलियन के स्थान पर नियुक्ति आदेश जारी किए। जिससे प्रथम नियुक्ति 1998 से 2014 तक कि सेवा अधिकतम 20 वर्ष की सेवा 30 जून 2018 तक शून्य कर दी गई, जिससे हजारों परिवार ग्रेच्यूएटी, बीमा,पेंशन, चिक्तिसा सुविधा सहित अन्य लाभों से वंचित हो गए है। 2 वर्ष बाद भी सेवा की स्पष्ट शर्ते जारी नही, विभिन्न वेतन विसंगति के साथ आज भी गुरुजी, संविदा, अध्यापक के नाम से सेवा की अद्र्धवार्षिकी या आकस्मिक दिवांगत होने से मूलभूत लाभो से वंचित हो रहे हजारों परिवार अनुकम्पा ओर नवीन पेंशन की राशि प्राप्त की माँग करते करते कबाड़ में काम करने को मजबूर है। वहीं कोरोना संकट काल मे कोरोना वॉरियर्स के रूप में सेवा देते हुए दिवंगत शिक्षक के परिवार के साथ भेद भाव किया जा रहा है। न 50 लाख का बीमा, न आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति, और 16 शिक्षकों को पिछली सरकार ने गलत ढंग से 20-50 नियंम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिसमे से 03 शिक्षकों की सदमे में दिवांगत हो गए थे किंतु सरकार ने दिवंगत शिक्षक के परिवार कोई सूद नही ली। यदि समय रहते केंद्र के सामान सातवें वेतन पर 5 प्रतिशत एवं छठवें वेतन पर अनुपातिक 10 प्रतिशत महंगाई के साथ पेंशनरों को पेंशन राहत ओर वार्षिक वेतन वृद्धि जुलाई 20 को शीघ्र बहाली नही की जाती है तो संघ बड़ा निर्णय लेने के लिए विवश होगा कि जिम्मेदारी शासन की होगी। ज्ञापन देंने में प्रांतीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी शेख साबिर, अरुण मिश्र, के.के.मिश्र, पवन पटेल, संजय पालीवाल, जितेंद्र मालवीय, दिलीपसिंह नरवरिया, सुजीत पवार आदि उपस्थित थे।