नेमावर की पुलिस ने लागू करा तालिबानी क़ानून
नेमावर(चंचल भारतीय✍️) :शिवराज सरकार किसानों को लेकर कितनी संवेदनशील हैं यह इस घटना से सिद्ध होता हैं की सामान्य पारिवारिक विवाद में नेमावर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्यवाही से एक पच्चीस वर्षीय किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।नेमावर पुलिस का काला क़ानून एंव काला सच इस घटना से उजागर हो रहा हैं।पॉंच आदिवासीयों की लाशें तलाश करने में 47 दिन लग जाते हैं लेकिन एक युवा किसान को धमकाने एंव बर्बरतापूर्ण कार्यवाही करके डराने धमकाने में एक मिनिट की देरी नेमावर पुलिस नहीं करती हैं।जबकि पारिवारिक विवाद को हल करना न्यायालय का कार्य क्षेत्र हैं लेकिन राजनैतिक हस्तक्षेप की वजह से सालों से पदस्थ नेमावर थाने की पुलिस मानवीयता की सारी हदें पार कर रही हैं।
म.प्र.कॉंग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की मुख्यमंत्री की नेमावर पुलिस आदिवासी हत्याकांड के बाद बेख़ौफ़ होकर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही करके युवाओं को आत्महत्या के लिए प्रेरित करके क़ानून की धज्जियाँ उड़ा रही हैं।स्थानीय विधायक आशीष शर्मा के इशारों पर कार्य करने वाली पुलिस में मानवता समाप्त हो गई हैं।
उल्लेखनीय हैं की नेमावर थाना क्षैत्र के ग्राम कणा (रामनगर) के धीरज पिता पूनम सिंह राजपूत उम्र २५ वर्ष ने आज रामनगर स्थित खेत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, घटना आज सुबह छह बजे की हैं।इस दुखद घटना के पीछे पारिवारिक विवाद था।दुसरे पक्के नेमावर पुलिस को एफ़आइआर हेतु आवेदन देकर पुलिस के माध्यम से किसान युवक को इतना प्रताड़ित एंव अपमानित किया की पुलिस के डर और ख़ौफ़ से घबराकर किसान युवक ने आत्महत्या की हैं।
सवाल यह हैं का क्या अब नेमावर पुलिस सुपारी लेकर पारिवारिक मामले भी निपटा रही हैं।इसका साफ़ मतलब हैं की शिवराज सरकार में न्यायालय की आवश्यकता ही नहीं हैं।नेमावर में तालिबानी क़ानून लागू हैं।मुख्यमंत्री को जानकारी देकर निवेदन करा हैं की जनहित में तत्काल ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान करके बर्खास्त करके गैरइरादतन हत्या का मुक़दमा पुलिस पर दर्ज किया जाये।अन्यथा नेमावर में पुलिस अराजकता की स्थिति बनती जा रही हैं।