देवास। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े जोर शोर के साथ मध्यप्रदेश में भी कोरोनावायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए लोगों को लाभ देने के लिए आयुष्मान योजना के अंतर्गत पाँच लाख तक का निशुल्क इलाज देने का ऐलान किया है ।उक्त योजना का ऐलान तो कर दिया लेकिन योजना कार्य रूप से सफल हो इसकी संभावना नहीं के बराबर है । इसका सबसे कमजोर पहलू यह है की इस योजना में जिन निजी हॉस्पिटलों को जोड़ा गया है उसमैं यह शर्त रख दी गई है कि बेड खाली होगा तो ही मरीज को भर्ती किया जाएगा तभी योजना का लाभ दिया जाएगा।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने बताया कि देवास शहर में छे हॉस्पिटलों को चिन्हित किया गया है जिनमें देवास हॉस्पिटल, संस्कार हॉस्पिटल, प्राइम हॉस्पिटल, सिटी हॉस्पिटल, अपेक्स केयर हॉस्पिटल, विनायक हॉस्पिटल लेकिन जब हमारे प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने इन हॉस्पिटलों में फोन लगाया और उनसे कहा कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत एक कोरोना पेशेंट को भर्ती करना है तो अलग-अलग हॉस्पिटल वालों ने अलग-अलग जवाब दिए अपेक्स हॉस्पिटल में जिस मैडम ने फोन उठाया उन्होंने जवाब दिया कि अभी इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है ऐसा उन्हें हॉस्पिटल की मैडम ने उन्हें बताया है ।विनायक हॉस्पिटल में बताया गया कि बेड खाली नहीं है। देवास हॉस्पिटल ने बताया कि बेड फूल है। प्राइम हॉस्पिटल में फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाया ही नहीं सिटी हॉस्पिटल ने कहा कि बेड फुल हो चुके हैं वहीं संस्कार हॉस्पिटल से बताया गया कि 5 बेड कोविड-के लिए आरक्षित किये गये थे वह भर चुके हैं। बताइए ऐसी स्थिति में यह योजना कहां तक सफल होगी ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के लोगों को सिर्फ दिग्भ्रमित कर रहे हैं बड़े जोर शोर के साथ योजना को लांच किया गया कहा गया कि योजना के अंतर्गत प्रत्येक सदस्य का पाँच हजार रुपए की जांच भी हो सकेगी जिसमें सीटी स्कैन एम आई आर सहित अन्य जांच योजना के अंतर्गत रखी गई है यहां यह भी कहा गया कि अगर एक व्यक्ति के पास आयुष्मान कार्ड होगा तो उस घर के सभी सदस्यों को योजना का लाभ दे कर निशुल्क शुल्क इलाज किया जाएगा ।
सोशल मीडिया पर भी अब इस चीज़ का विरोध शुरू हो चूका है।सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री बोल रहे है आयुष्मान कार्ड बनाओ लाभ मिलेगा ,दूसरी तरफ देवास के प्राइवेट अस्पताल के मालिक आयुष्मान कार्ड वाले मरीज को भर्ती नही कर रहे है और यदि मरीज भर्ती हो गया तो उससे 30 – 30 हजार तक जमा करवा रहे है अंधेर नगरी में लूट मची है। ज्ञात हो की सौरभ जी शर्मा को आयुष्मान कार्ड का प्रभारी बनाया है।
जब हॉस्पिटल अपने यहां मरीजों को भर्ती ही नहीं करेंगे तो योजना में लाभ उठाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। आज हजारों मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं ऐसे में शहर के 6 हॉस्पिटलों में 4 बेड 5 बेड 6 बेड आरक्षित किए गए हैं ।वहां लोगों को योजना का लाभ कैसे मिलेगा प्रथम दृष्टया तो यही देखा गया है कि योजना पूरी तरह से असफल सिद्ध हुई है । कांग्रेस ने शहर के लोगों से अपील की है कि वह अपने आयुष्मान कार्ड लेकर इन हॉस्पिटलों के चक्कर नहीं लगाए उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी। कांग्रेस ने मांग की है कि नियुक्त नोडल अधिकारी निजी हॉस्पिटल में योजना के अंतर्गत आरक्षित बेड़ों कि रोज मॉनिटरिंग करें और बेड खाली की सूचना हॉस्पिटल के बाहर लगवाए ।