• आरोपीगण को 35000 रूपए अर्थदंड और आजीवन कारावास की सजा
देवास। दिनांक 11 – 12 जुन 2020 की रात्रि को भगवान सिंह हाल निवासी मल्हार कॉलोनी बालगढ़ नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में खुलासा हुआ की मृतक को उसकी पत्नी व पत्नी के प्रेमी (लाखन) व प्रेमी के साथी (अकील) ने मिलकर ही मौत के घाट उतार था।
न्यायालय द्वारा दिनांक 3 जुलाई 2021 को मृतक की पत्नी छायाबाई पति भगवान सिंह उसके प्रेमी लाखन पिता बहादुर व इसके साथी अकील उर्फ अक्कू को आजीवन कारावास और 35000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजेन्द्र खाण्डेगर द्वारा बताया गया कि दिनांक 12 जून 2020 को सूचनाकर्ता / आरोपी छायाबाई पति भगवान सिंह ने अपने पिता के साथ थाना औद्योगिक क्षेत्र देवास में उपस्थित होकर सूचना दी कि उसके पति भगवान सिंह करीब एक वर्ष से प्रेस्टिज कंपनी देवास में कार्यरत हैं। दिनांक 11 जून 2020 को उसके पति भगवान सिंह कंपनी नहीं गये थे। रात करीब 11 बजे उसका व उसके पति के मध्य काम की बात को लेकर विवाद हो गया था। दिनांक 12 जून 2020 को सुबह 7 बजे उठकर देखा तो उसके पति भगवान सिंह कमरे में नहीं थे। उसके पति भगवान सिंह बिना बताये कहीं चले गये हैं। सूचनाकर्ता ने अपने पति का हुलिया बताकर लिखाई गई रिपोर्ट के आधार से थाना औद्योगिक क्षेत्र देवास में गुम इंसान का पंजीबद्ध हुआ।
थाना आद्योगिक क्षेत्र जिला देवास में गुमशुदा भगवान सिंह पिता उमराव सिंह चौधरी जाति गारी उम्र 30 वर्ष निवासी आडी पट्टी मल्हार कॉलोनी देवास जिसमें गुम इंसान जाँच के दौरान साक्षीगणों के कथन लिये गये। जाँच में आये गये तथ्यों की तस्दीक के दौरान सूचनाकर्ता / आरोपी छाया पति भगवान सिंह जाति गारी उम्र 25 साल को तलब कर तकनीकी व अन्य तथ्यों के आधार पर बारिकी से पूछताछ कर कथन लेते हुए उनके द्वारा प्रेमी लाखन के घर पर आने एवं उसके साथ मेरे प्रेम संबंध की बात का पता चलने पर गुमशुदा भगवान सिंह द्वारा आये दिन झगडा मारपीट करने पर तंग आकर अपने प्रेमी लाखन व उसके साथी अकील उर्फ अक्कू के साथ मिलकर योजना बनाकर दि. 11 जून 2020 की रात में इन लोगों को घर बुलाकर अपने पति भगवान सिंह की सभी ने मिलकर मारपीट कर ब्लेड, लोहे का फरशा से हत्या कर दी एवं उसी रात में अपने पति भगवान सिंह की लाश को टाट के बोरे में भरकर अपने प्रेमी लाखन व अकील की मदद से टी. व्ही. एस. की छोटी गाड़ी से बायपास हनुमान मंदिर की तरफ ठिकाने लगाने हेतु भेज दिया तथा लाश को छिपाने के लिये लाश को पेट्रोल डालकर जला दिया व उसकी पत्नि छाया के द्वारा झूठी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। आरोपीगण के विरूद्ध थाना औ.क्षेत्र में अपराध पंजीबद्ध किया गया। अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
माननीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण में वैज्ञानिक साक्ष्य सायबर साक्ष्य एवं परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर मात्र 07 माह में प्रकरण का निराकारण किया।
माननीय द्वितीय सत्र न्यायाधीश (श्री गंगाचरण दुबे) जिला देवास द्वारा दिनांक 3 जुलाई 2021 को निर्णय पारित कर अभियुक्तगण छायाबाई पति भगवान सिंह, लाखन पिता बहादुर एवं अकील उर्फ अक्कू को विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और 35000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
“माननीय न्यायालय के द्वारा निर्णय पारित करते समय यह टिप्पणी की है कि बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के कारण होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है। जिससे समाज पर बुरा प्रभाव पर गंभीरता से विचार आवश्यक है।”
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से श्री राजेन्द्र खाण्डेगर जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा सफल संचालन कर आरोपियों को दण्डित कराया एवं कोर्ट मोहर्रिर दिनेश डामोर व प्रीतम मिमरोट का विशेष सहयोग रहा।