मान जायेंगे दीपक भैया…
…जोशी जी की प्रतिमा अनावरण करने आ रहे शिवराज
देवास। राजनीति में ईमानदारी के प्रतीक, राजनीति के संत, सिद्धांत एवं अनुशासनप्रिय राजनेता रहे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी की प्रतिमा हाटपीपल्या में स्थापित होगी।

प्रतिमा का अनावरण करने 14 जूलाई को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह हाटपीपल्या आ रहे है। शासन एवं प्रशासन स्तर पर जोरशोर से तैयारियॉ की जा रही है। प्रतिमा अनावरण स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी की स्मृति में एक स्मारक बनाया जा रहा है। जिसमें उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी, ऑडिटोरियम हॉल, लाइब्रेरी और पार्क भी बनाया जाएगा। शनिवार को कलेक्टर श्री शुक्ला ने प्रतिमा अनावरण स्थल का निरीक्षण किया।अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये। प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी साथ थे।

यद्यपि मात्र प्रतिमा अनावरण से स्वर्गीय जोशी जी के कार्यो का भार नहीं उतारा जा सकता, हॉ लोग उनकी स्मृतियों को संजोकर सीख ले सके। उनके पदचिन्हो पर चल सके। इसलिये उनके ग्रहनगर हाटपीपल्या में प्रतिमा अनावरण किया जाना अच्छी एवं सराहनीय बात है, लेकिन राजनीति इसके अलग ही मायने निकालते हुए कहा जा रहा है कि क्या हाटपीपल्या में उपचुनाव से ठीक पूर्व इस कवायद से प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी मान जायेंगे। इस पर प्रश्रचिन्ह फिलहाल तो बरकरार है। भाजपा संगठन ने साफ कर दिया है कि चाहे जो हो, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक उनके विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया जायेगा। पूर्व मंत्री दीपक जोशी इससे नाराज है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मनोज चौधरी ने हाटपीपल्या में उनकी सल्तनत को चुनौती देते हुए शिकस्त दी। मनोज चौधरी को प्रत्याशी बनाये जाने से नाराज दीपक जोशी को मनाने का प्रयास भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी देवास आकर कर चुके है। इसके बावजूद दीपक भैया की नाराजी टूटने के संकेत दिखाई नहीं दे रहे है। राजनैतिक क्षेत्रो में माना जा रहा है कि उपचुनाव से पूर्व उन्हे मनाने के उपक्रम स्वरूप ही पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जोशी बाबा की प्रतिमा के अनावरण का कार्यक्रम बनाया गया है। राजनैतिक क्षेत्रो में यह भी माना जा रहा है कि आगे पीछे दीपक भैया को सत्ता या संगठन मेंं कोई ना कोई बड़ा स्थान प्रदान किया जा सकता है। हालांक उनकी पारिवारिक एवं वैचारिक राजनैतिक पृष्ठभूमि, निष्ठा एवं समर्पण को देखते हुए जानकार यही मानते है कि कुछ भी हो दीपक भैया पार्टीहित से परे नहीं जायेंगे, मान जायेंगे…। आगे राजनीति है जाने किस करवटॅ बैठ जाये…।