देवास/ बागली (सुनील योगी) – देवास जिले में वन परीक्षेत्र अंतर्गत कालांतर में धीरे धीरे कुछ परिवारों की बसावट मजरे टोले बसते हुए इतनी संख्या में बस गए की वहां पर परिवारों की संख्या छोटे गांव की तरह हो गई नियम अनुसार यह क्षेत्र वन विभाग अंतर्गत आने वाला क्षेत्र है इसलिए राजस्व आबादी ग्राम की तरह इन लोगों को वह तमाम सुविधाएं नहीं दी गई जो राजस्व ग्राम में दी जाती है जैसे प्रधानमंत्री आवास अस्पताल स्कूल सड़क निर्माण गलियां निर्माण सार्वजनिक कुवै पंचायत भवन और भी तमाम सुख सुविधाएं लेकिन अब यहां भी विकास की आवश्यकता महसूस हो रही है! इस संबंध में देवास वन विभाग डीएफओ पी एन मिश्रा द्वारा देवास जिला कलेक्टर डॉक्टर चंद्रमौली शुक्ला से विस्तृत चर्चा करके इन वन ग्रामों के लिए विशेष प्रयास के प्रयोजन की बात कही ताकि यहां रहने वाले लोगों को अन्य योजना का लाभ मिले इसी संबंध में जिला पंचायत सीईओ प्रकाश चौहान महिला बाल विकास अधिकारी रेलम बघेल, सीएचएमओ शर्मा, आदिम जाति कल्याण विभाग अधिकारी ,आदि से चर्चा कर इन क्षेत्र में विशेष शिविर आयोजित कर यहां की मुख्य समस्याओं के विषय में चर्चा की जाएगी और शासन द्वारा जो भी आवश्यकता वाले कार्य होंगे उन्हें पूर्ण किया जाएगा गौरतलब है! कि आजादी के बाद से वनों में रहने वाले परिवारों को कभी भी स्थाई परिवार नहीं माना और वन परिक्षेत्र में कोई नुकसान ना हो इसलिए नियम अनुसार महा निर्माण प्रतिबंधित है! अब इस और पहली बार कदम उठाए जाने से यहां रह रहे लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा वन विभाग और पंचायत के संयुक्त अभियान से कई निर्माण संभव है! इसके पीछे उद्देश्य है कि आसपास के क्षेत्र में कई स्थान ऐसे हैं जहां प्राकृतिक वातावरण दिखाई देता है! कुछ सुविधा हो जाने से पर्यटन का आकर्षण भी बढ़ेगा
जनप्रतिनिधि- मैं स्वयं कई दिनों से इस कार्य में लगा हूं कि क्षेत्र के सभी वन ग्राम सामान्य राजस्व ग्राम की तरह सभी योजना के लाभ से परिपूर्ण रहे इन स्थानों से निकली नदियों पर पुल बने और पहुंच मार्ग सुविधा वाले रहे अन्य सुविधा भी यहां के लोगों को मिले वन विभाग इस प्रकार की पहल करता है तो स्वागत योग्य है
बागली विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे