बागली(सुनील योगी)- एक और नरेंद्र मोदी और हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वच्छता मिशन का बार-बार संदेश दे रहे हैं उसी के तहत कोरोना काल में मनरेगा के तहत स्थानीय युवकों को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रदेश के कई जिलों में जनपद क्षेत्र ग्राम पंचायतों में ₹1 लाख 80 हजार रुपए की लागत से सुलभ शौचालय बनाने की योजना शुरू की इसी योजना के तहत बागली सबडिवीजन जनपद क्षेत्र में 35 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया जिसमें बागली जनपद मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर परिधि में 6 ग्राम पंचायत शामिल की गई बेहरी ,धावड़िया ,चार बर्डी, सेवनीया, ग्वाडी, लखवाडा शामिल रही दुर्भाग्य की बात यह है कि जनवरी माह में यह शौचालय निर्माण प्रोग्रेस में आए और 7 माह बीत जाने के बाद यह शौचालय में चल रहा काम तो रुक गया उल्टा खंडहर होने की स्थिति में आ गए बागली जनपद क्षेत्र में कार्यरत ग्रामीण स्वच्छता मिशन प्रभारी गुप्त पाल सिंह चौहान इस संबंध में कहते हैं कि एक भी शौचालय बाकी नहीं है पूरे 35 शौचालय बनकर तैयार है इनमें से अधिकतर शुरू भी हो चुके हैं लेकिन हमारे संवाददाता ने मौके पर देखा तो एक भी शौचालय पूर्ण नहीं हो पाया उल्टे इन शौचालय में आवारा तत्वों की आवारागर्दी बढ़ गई है जिससे ग्रामीण जन परेशान है रामपुरा स्थित मुख्यालय पर 2 ग्राम पंचायतो के शौचालय बनाए गए! दोनों अधूरे हैं और यह शौचालय में लोग शराब थोड़ी करते हैं और ताश पत्ती खेलते हैं जिससे ग्रामीणों को परेशानी आती है वहीं दूसरी ओर ग्राम देहरी का शौचालय नशेडीयो का अड्डा बन चुका है लेकिन योजना के प्रभारी गुप्त पाल सिंह चौहान का कहना है शौचालय बुरी तरह संचालित होने लगे हैं क्या कहते हैं बड़े अधिकारी वर्जन ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता मिशन के तहत लोगों की सुविधा के लिए सुलभ शौचालय के निर्माण ₹180000 की लागत से कंप्लीट होना थे लेकिन किसी कारणवश नहीं हो पाए इसकी जांच करवाता हूं दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी अभी तक यह कंप्लीट हो जाना चाहिए थे
क्या करते हैं जनप्रतिनिधि
बागली पहले से ही पिछड़ा क्षेत्र है यहां पर कई आदिवासी परिवार और गरीब परिवार निवास करते हैं ऐसे में देवास जिला मुख्यालय से बागली को 35 सुलभ शौचालय बनाने के आदेश मिले थे चयनित ग्राम पंचायतों में यह शौचालय बन कर तैयार हो जाना थे ताकि गरीब ग्रामीणों को और उनके यहां आने वाले मेहमानों को असुविधा ना हो बोलो ना काल में शौचालय व स्नानघर की बड़ी असुविधा महसूस हो रही थी इसी को मद्देनजर यह योजना लागू की गई यदि किसी कारणवश किसी की गलती से यह नहीं बन पाए तो इसका दोषी है उस पर कार्रवाई होना चाहिए