बागली। कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद सेंट जॉन स्कूल चापडा में अवैध फीस वसूली का कारोबार जारी है। पालक वारिस अली ने बताया कि उनका पुत्र उबेद अली नर्सरी कक्षा से 11वी तक विधालय का नियमित छात्र रहा है और उसके द्वारा नवोदय कांटेस्ट में नेशनल लैबल तक 77 रेक बनाई है तथा इस वर्षे भी 11वी उच्च गणित से 95% अंको से उत्तीर्ण की हैं।वर्तमान में विशेषज्ञों के अभाव में बडी कक्षाओं के विधार्थियों की कठिन अवधारणा स्पष्ट नहीं होने के कारण पालक श्री अली ने भविष्य की चिंता करते हुए अपने बच्चे को अन्य संस्था में प्रवेश दिलाने के लिए टी सी हेतु आवेदन दिनांक 26 जून 2020 को नियत प्रारूप पर प्रेषित किया

लेकिन जानबूझकर अवैध फीस वसूली करने हेतु पालक के जुलाई-अगस्त में बहुत बार स्कूल जाने पर भी टी सी नहीं दी और न आवेदन की प्राप्ति प्रदान की दोबारा आवेदन करवाया और उसकी भी प्राप्ति प्रदान नहीं की गई और टी सी के लिए पहले 6000रूपये फीस जमा करने की बात कहीं गई और बाद में 4940 रूपये प्रथम इन्सटालमेट की फीस ली गई

जो कि जून में टी सी के लिए आवेदन करने के कारण पुरी तरह अवैध हैं। साथ ही अवैध फीस वसूली करने के बाद प्राप्ति रसीद तक नहीं दी जा रही थी पालक के मांगने पर पहले एक सामान्य लाल पर्ची पर जिसमें स्कूल का कोई उल्लेख नहीं है पर रसीद दी जाने लगी जब पालक ने प्रिन्टेड रसीद मांगी तब दी गई है। टी सी पर विधालय के कार्य दिवस और छात्र उपस्थिति भी शून्य बताई गई है

और आनलाईन कक्षा का जुलाई से सितम्बर तक की फीस वसूली गई है जो कि अवैध लूट का प्रमाण है। पालक के द्वार टी सी प्राप्ति रसीद पर स्पष्ट लिखा है कि आवेदन 26जून को किया गया था लेकिन टी सी 2 सितम्बर को प्राप्त हो रही हैं। संपूर्ण घटनाक्रम की विडियो भी पालक ने बनाई है और फोटो ग्राफ भी हैं जिसमे स्पष्ट है कि पालक की प्राप्ति टीप पर उंगली रखकर तारीख छुपाई जा रही है। पीड़ित पालक के द्वारा संपूर्ण तथ्यों और दस्तावेजी प्रमाणों के साथ संस्था की अवैध फीस वसूली के गौरखधंधे की शिकायत मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री,लोकसंचनालय,नेता प्रतिपक्ष से लगाकर क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर देवास और जिला शिक्षा अधिकारी सहित हर जवाबदार अधिकारी तक करते हुए अवैध फीस वसूली करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की है। विधालय में शासन और शिक्षा अधिकार अधिनियम के मापदण्डों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अभिभावकों के साथ दबाव बनाकर जैसे टी सी व अंकसूची रोककर अवैध फीस वसूली जा रही है। अभिभावकों में आक्रोश हैं और स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है।