2019 में धारा 370 हटने के कारण व 2020 में कोरोना के चलते श्रद्धालु नहीं कर सके थे यात्रा
28 जून से शुरू होनी है 56 दिवसीय यात्रा, पंजीयन बंद
देवास जिले से भी प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में जाते हैं श्रद्धालु
देवास। इस साल 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा को 56 दिन की अवधि में करवाया जाना है। इस हेतु देशभर में 1 अप्रैल से पंजीयन की शुरुआत हुई थी। हजारो को संख्या में श्रद्धालु पंजीयन भी करवा चुके थे। लेकिन अप्रैल माह में देशभर में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अनिश्चितकालीन तक बन्द कर दी थी और कहा था जब स्थिति सुधरेगी तब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया फिर से शुरू होगी। लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नही हो सकी है अब देखना है कि इस वर्ष भी अमरनाथ यात्रा पर संकट तो खड़ा नही होगा। अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर के साथ देवास जिले से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते है। इस वर्ष भी जिले से बड़ी संख्या में अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखाई दे रहा था परंतु पंजीयन दोबारा ना खुलने से जो श्रद्धालु पंजीयन नही कर सके हे उन्हें निराशा हैं कि अगर यात्रा बोर्ड द्वारा सिमित संख्या रखने के लिए केवल उन्हीं लोगो को यात्रा की अनुमति दी जाती है जिनका रजिस्ट्रेशन हो चूका है तो बचे हुए श्रद्धालुओं को इस वर्ष भी यात्रा से वंचित होना पड़ेगा। इस बार बोर्ड को 6 लाख यात्रियों के आने की उम्मीद थी। इसके लिए यात्रा मार्ग पर दैनिक यात्रियों की संख्या 7500 से बढ़ाकर 10 हजार की गई थी।इसके साथ यात्रियों की सहूलियत के लिए श्रीनगर से बालटाल तक हेलिकाप्टर सेवा शुरू करने की भी तैयारी थी, जिसके लिए निविदा जारी की गई थी। बालटाल से दोमेल तक पहली बार निशुल्क बैटरी कार सेवा शुरू किए जाने का प्रस्ताव है। कोविड मामलों को देखते हुए अभी तक लंगर संगठनों को भी अनुमति जारी नहीं की गई है, जबकि यह प्रक्रिया अप्रैल तक की जाती है। जिसमें जून के मध्य तक लंगर संगठनों का यात्रा मार्ग पर पहुंचना शुरू हो जाता है। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक संक्रमित मामलों की निगरानी की जा रही है। जिसमें यात्रा पर कोई प्लान फाइनल नहीं किया गया है। बोर्ड की बैठक में ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
कोरोना महामारी की वजह से 2020 में भी यात्रा रद्द थी
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल 2020 में भी अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था। तो वहीं साल 2019 में अमरनाथ यात्रा शुरू तो हुई थी लेकिन तभी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की वजह से सुरक्षा कारणों को देखते हुए यात्रा को बीच में ही बंद करना पड़ा था।
28 जून से शुरू होनी है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ की पवित्र गुफा में हर साल सर्दियों के मौसम में अपने आप बर्फ का एक शिवलिंग बनता है जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं. इस बार अमरनाथ यात्रा 56 दिन की थी और इसे 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त रक्षाबंधन के दिन समाप्त होना था।
माँ शिव शक्ति सेवा मंडल यात्रियों को निशुल्क फॉर्म प्रदान करता है
माँ शिव शक्ति सेवा मंडल के सदस्यों ने बताया कि प्रतिवर्ष यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को पंजीयन के फॉर्म उपलब्ध कराना तथा यात्रा के संबंध में यात्रियों को दिशा निर्देश देना ही मंडल का प्रमुख कार्य रहता है।