देवास। यज्ञ से संपूर्ण वातावरण की शुद्धि होती है एवं इसके मंत्रों से आत्मशुद्धि भी होती है। प्राचीनकाल से यज्ञ का महत्व रहा है तथा यज्ञ ही वह कार्य हे जिससे आध्यात्मिक प्राकृतिक एवं मानसिक शुुद्धता मिलती है। यह बात परमपूज्य श्री श्री 108 महंत श्री कृष्ण गोेपालदास जी महाराज ने मालीपुरा में आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
महंत ने बताया कि 2 से 8 मई तक मालीपुरा चौराहा स्थित प्रांगण में श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जो कि सभी भक्तजनों एवं श्रद्धालुओं के लिए अति महत्वपूर्ण है। यज्ञ संपन्न कराने हेतु बनारस, अयोध्या, आदि जगहों से संत गण पधार रहे हैं। यज्ञ में करीब 33 जोड़े भाग लेंगे। यज्ञ पांडाल में भक्तजनों की पर्याप्त बैठक व्यवस्था की गई है। इस यज्ञ में परिक्रमा हेतुु भी विशेष व्यवस्था की गई है। यज्ञ की परिक्रमा कर जीवन में समृद्धि एवं सुख लाया जा सकता है। इस यज्ञ की परिक्रमा का विशेष महत्व है। साथ ही इस आयोजन में नानीबाई का मायरा 4 से 6 मई तक आयोजित किया जाएगा। पूर्णाहूति एवं महाआरती 8 मई शाम 5 बजे होगी। संयोजक वासुुदेव परमार ने उपस्थित पत्रकारों को संपूूर्ण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सभी नागरिकों एवं श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में पधार कर यज्ञ का लाभ लेने का आग्रह किया। संचालन अमित पंवार ने किया तथा पत्रकारों के माध्यम से श्रद्धालुओं को आमंत्रित करतेे हुए आयोजक राहुल हरोड़े एवं रोहित चौहान ने इस अध्यात्मिक एवं धार्मिक आयोजन को सफल बनाने की अपील की।