• अपने अपने जोड़-घटाव से अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे प्रत्याशी..!
देवास। मध्यप्रदेश में देवास सहित सभी विधासभाओं पर 17 नवंबर को मतदान हुआ है। मतदान के दिन मशीनों में सभी प्रत्याशियों का भाग्य मत के रूप में जमा हो गया है अब सबको 3 दिसंबर का इंतजार है जब यह मत रूपी भाग्य खुलेगा और परिणामों की घोषणा होगी।
देवास जिले में 81.42% मतदान हुआ है जिसमें हाटपिपलिया विधानसभा में सर्वाधिक 86.18 प्रतिशत मतदान हुआ। देवास विधानसभा में सुबह से ही मतदान प्रतिशत कम देखा जा रहा था परन्तु आखरी समय तक देवास में भी 74.67 प्रतिशत मतदान हुआ है, सोनकच्छ में शामिल 84.93% खातेगांव विधानसभा में 81.28 तथा बागली विधानसभा में 81.65 प्रतिशत मतदान हुआ है।
चुनाव के नतीजे कुछ ही दिनों में सामने आ जाएंगे परन्तु आम नागरिक व प्रत्याशी अपने अपने जीत के समीकरण बनाने लग गए हैं। वैसे तो जिले की सभी विधानसभा में दोनो मुख्य दल के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा करते नजर आ रहे हे, परन्तु ऐसा संभव नही है, जीत किसी एक की ही होनी है।सूत्रों के अनुसार इस बार देवास विधानसभा का चुनाव थोड़ा ज्यादा पेंचीदा रहा है इस बार आखरी समय तक मतदाता ने अपने मन की बात खुलकर सामने नही आने दी और नतीजा यह रहा की अब तक भी सिर्फ संभावना के आधार पर ही जीत का दावा किया जा रहा है। परिणाम तो 3 दिसंबर को सब पता चल जाएंगे परन्तु उसके पहले सबके मन में यही सवाल बना हे की आखिर जीत किसकी होगी..?
देवास विधानसभा में इस बार यह कह सकते हैं की भाजपा और कांग्रेस में काटे की टक्कर रही है अगर कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी का साथ दे देते तो कांग्रेस प्रत्याशी रेस और मजबूती से यह चुनाव लड़ सकते थे। वैसे तो पिछली बार के चुनाव मे कांग्रेस के प्रत्याशी जय सिंह ठाकुर मतगणना में शुरुआती राउंडो में आगे चल रहे थे लेकिन बाद में भाजपा को गायत्री राजे पंवार ने उन्हें लगभग 25 हजार से ज्यादा मतों से हराया था।
सोनकच्छ विधानसभा में इस बार काटे की टक्कर देखी जा रही है। लंबे समय से कांग्रेस ने इस विधानसभा पर कब्जा कर रखा है एक बार बीजेपी ने इस पर जीत भी हासिल की है पर फिर कांग्रेस का कब्जा वहा बराकर रहा। सोनकच्छ विधानसभा चुनाव में इस बार संघ की भी अहम भूमिका बताई जा रही है।भाजपा अपना पूर्ण विश्वास जता रही है की इस बार सोनकच्छ विधानसभा वह जीत रहे हैं..?
जिले की तीन बची हुई विधानसभा बागली, खातेगांव और हाटपिपलिया की बात करे तो इस तीनों विधानसभा का हाल एक समान माना जा रहा है। और इन तीनो विधानसभा में पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता दीपक जोशी का प्रभाव दिखेगा इसका अनुमान भी लगाया जा रहा है। खातेगांव विधानसभा से कांग्रेस ने कुछ दिन पूर्व ही भाजपा से कांग्रेस में आए दीपक जोशी को चुनाव में उतारा तो वही भाजपा ने अपने पूर्व विधायक पर ही भरोसा जताया। परिणाम यह दिखे की वरिष्ठ नेता होने से कारण कांग्रेस भाजपा को बहुत हद तक टक्कर देते नजर आई है। भाजपा द्वारा अपने स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ की सभा कराई तो वही कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सभा के लिए बुलाया। सूत्र के अनुसार भाजपा और कांग्रेस दोनों के जीत के आसार है परंतु तीनों सीटों पर कांग्रेस का पलड़ा थोड़ा ज्यादा होने के कयास लगाए जा रहे है।