देवास। पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले में एनआईए ने कई राज्यों में छापेमारी की है। संदिग्धों के पाकिस्तानी आकाओं के साथ संबंधों का पता लगाया, आपत्तिजनक उपकरण और दस्तावेज़ जब्त किए है।
दरसल रविवार को पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले में बहु-राज्य छापे मारे, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। टीम ने एमपी के देवास जिले के सतवास में लियाकत (28) पिता इदु के घर दबिश दी है। बिहार से आई एनआईए की 5 सदस्यीय टीम ने लियाकत से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की है। साथ ही उसका मोबाइल जब्त कर लिया है। टीम ने उसे एनआईए मुख्यालय में हाजिर होने का नोटिस भी दिया है. 2014 के एक मामले में भी उससे पूछताछ की गई। छापेमारी में उन संदिग्धों के पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ संबंधों का भी पता चला, जिनके परिसरों की आज तलाशी ली गई।

ये संदिग्ध संचालकों के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के कट्टरपंथी, भारत-विरोधी विचार का प्रचार-प्रसार करने में शामिल थे। एनआईए NIA ने संदिग्ध युवक के पास से मोबाइल फोन और सिम कार्ड के अलावा, कई दस्तावेज भी जब्त किए है। आमतौर पर गज़वा-ए-हिंद मामला, पटना (बिहार) के रूप में जाना जाता है। ग्रुप ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ व्हाट्सएप का एक ग्रुप है। जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत अन्य देशों के कई लोगों को ग्रुप में जोड़ा था, जो टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सक्रिय था।
एनआईए की जांच के अनुसार, भारत के क्षेत्र में गज़वा-ए-हिंद की स्थापना के नाम पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के उद्देश्य से, समूह को पाकिस्तान स्थित संदिग्धों द्वारा संचालित किया जा रहा था। जांच के अनुसार, मार्गूब भारत भर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल जुटाने के एक गुप्त उद्देश्य से समूह के सदस्यों को प्रेरित करने की कोशिश कर रहा था। इसके अलावा, आरोपी ने ‘बीडीगज़वा ए हिंदबीडी’ के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें उसने बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था।