• इनामी भगोड़े काजी को पुलिस ने किया गिरफतार
कोर्ट ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा
देवास। शहर के इनामी भगोड़े काजी को औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने गुरुवार को रसूलपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। देवास के सिल्वर पार्क क्षेत्र में हुए करीब 4 माह पुराने विवाद के बाद से शहर काजी अबुल कलाम फरार था। पुलिस ने बताया कि फरार काजी इंदौर से भोपाल भागने की फिराक में था। मुखबिर की सूचना पर उसे औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने वाहन नंबर के आधार पर उसे रसूलपुर चौराहे से गिरफ्तार किया। गुरुवार शाम को उसे न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
दलित युवक पर गोली चलने की वारदात के चलते हुआ था 307 का मुकदमा दर्ज।
चार माह पूर्व देवास की सिल्वर पार्क कालोनी में छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक पक्ष के आरोपियों को गिरफ्तार किया था और दूसरा पक्ष जिसने एक दलित युवक पर गोली चलाकर जान लेने की कोशिश की उस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की थी। उसके बाद मामले में हिंदूवादी संगठन से जुड़े सैंकड़ों लोग एकत्रित होकर थाने पहुंचे थे और शहर काजी पर केस दर्ज कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था।
शायद स्थानीय राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने के कारण हिंदू संगठन के लोगों ने आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के रसूलपुर चौराहे पर ऐतिहासिक चक्का जाम कर दिया, जिस पर दोनों ओर कई किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारे लग गई थी। घंटों चले इस चक्का जाम के बाद पुलिस प्रशासन होश में आया और हिंदू संगठन के विरोध व आरोपी अब्दुल काजी का पिस्टल के साथ गोली चलाने का वीडियो सामने आने के बाद फरियादी के न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए। बयानों के आधार पर अबुल काजी के खिलाफ धारा-307 व आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। वारदात के बाद से ही आरोपी अब्दुल काजी फरार चल रहा था। आरोपी काजी पर पूर्व से कई मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं। जिसमें से एक मामला देवास में हुए दंगे के बाद दर्ज हुई एफआईआर का भी है। जिसमें नाम जद आरोपी होने के बाद भी आज तक पुलिस उस पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाइ थी।
गोलीकांड मामले में फरार होने पर देवास पुलिस ने 5000 का इनाम भी घोषित कर दिया था। कई महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। इस दरमियान पिछले दिनों फरियादी के घर पर मामले में समझौता करने का दबाव डालते हुए उसे डराने धमकाने और उसके घर पर पथराव करने की घटना घटित हुई। जिस पर फरियादी ने अधीक्षक को जनसुनवाई में आवेदन दिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डिजीपी, सांसद, विधायक को भी पत्र भेजकर घटना से अवगत करवाया था। जिसके बाद से पुलिस प्रशासन सर गर्मी से आरोपी की तलाश में लगा हुआ था। जिसमें गुरवार को पुलिस को सफलता हाथ लगी।
