• गरबा और डांडिया कार्यक्रमों पर नज़र रखेगी संस्थाएं, संगठन
• असामाजिक तत्वों एवं गरबा के नाम पर अश्लीलता फैलाने वालों पर कराएगी कार्यवाही
देवास। आज 15 अक्टूबर से शक्ति की आराधना के पर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। शहर के सभी देवी मंदिरों, सार्वजनिक पांडालों और घरों में शुभ मुहूर्त के साथ पूजा-अर्चना और आरती के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आरंभ होंगे। माता टेकरी पर विराजित माताओं खासकर (माँ तुलजा भवानी और माँ चामुंडा) के साथ सभी देवी मंदिरों एवं सार्वजनिक पांडालों में स्थापित देवी प्रतिमाओं के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगेगा। इसी के साथ पांडालों में गरबों के साथ माता की आराधना भी शुरू हो जाएगी।
• गरबा और डांडिया कार्यक्रमों पर रहेगी नज़र रखेगी संस्थाएं, संगठन
• असामाजिक तत्वों एवं गरबा के नाम पर अश्लीलता फैलाने वालों पर कराएगी कार्यवाही
विगत दिनों संस्था राम-राम की बैठक आयोजित हुई। बैठक में संस्था राम राम के संस्थापक शैलेन्द्र सिंह पवार ने कहा कि नवरात्रि पर्व के दौरान शहरभर में माँ दुर्गा की घटस्थापना की जाकर विभिन्न सांस्कृति आयोजन गरबा, डांडिया, नृत्य, प्रतियोगिताएं होगी। नवरात्रि के महापर्व में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े और शांतिपूर्वक हिन्दु समाज अपना त्यौहार मनाए। इसी को लेकर बैठक रखी गई। श्री पवार ने संस्थ समितियों व मण्डलो से आग्रह किया कि गरबा पाण्डालो में होने वाले आयोजन में युवतियों से पूरे वस्त्र पहनकर आने का आग्रह करे। साथ ही गैर समाज के युवकों को पाण्डाल में अनुमति न दी जाए। माँ की आराधना के पर्व पर फिल्मी गीतों को न बजाते हुए सिर्फ भजनों पर सांस्कृति कार्यक्रम सम्पन्न हो। आधार कार्ड के माध्यम से लोगों को एंट्री दी जाए। तिलक लगाकर प्रवेश करने हेतु अपील आमजनों से करे आदि अन्य विषयों पर चर्चा की गई। श्री पवार ने आगे कहा कि नवरात्रि जो कि माँ की आराधना का पर्व है। उसमें किसी प्रकार की अश्लीलता न फैलाते हुए हमारी संस्कृति कायम रखने के लिए यह आवश्यक कदम उठाए, जिससे हमारे त्यौहार मनाने की परम्परा कायम रहे। संस्था राम राम के कार्यकर्ता नवरात्रि पर्व के दौरान पाण्डाल-पाण्डाल घूमकर समितियों द्वारा होने वाले आयोजनों की व्यवस्था भी देखेंगे। यदि ऐसे में किसी प्रकार की अश्लीलता आयोजन के दौरान दिखती है तो संस्था राम राम प्रशासन को साथ में लेकर कार्यवाही कराएगी। जिसका जिम्मेदार स्वयं आयोजक होगा।
वही बजरंग सेना संस्थापक उमेश चौधरी ने बताया कि शहर सहित मालवांचल में बढ़ती लव जिहाद की घटनाओं को देखते हुए संगठन पदाधिकारी व कार्यकर्ता गरबा एवं डांडिया स्थलों खासकर बड़ी होटलों, गार्डनों, शिक्षण संस्थानों में होने वाले गरबा, डांडिया स्थल का भ्रमण कर नजर रखेंगे। चौधरी ने बताया कि नवरात्रि महोत्सव भारतीय धर्म, संस्कृति के अनुरूप मनाया जाना चाहिए। वर्तमान में गैर हिन्दू एवं विधर्मी तत्वों द्वारा जिस प्रकार से समाज की बहन बेटियों को प्रेमजाल में फंसाकर लव जिहाद का शिकार बनाते है, ऐसे विधर्मी तत्व हमारे उत्सवों, नवरात्रि में आयोजित गरबा, डांडिया में भी झूठे सौहार्द एवं एकता का दिखावा करते हुए, लव जिहाद फैलाने की मंशा से घुसकर आयोजन बिगाडऩे का प्रयास करते है। मातृभूमि का वंदन करते है, लेकिन आजकल राष्ट्रघाती, अलगावी, जेहादी मानसिकता को पहचानने की आवश्यकता है। समितियों द्वारा आधार कार्ड के माध्यम से ही आयोजन स्थल पर प्रवेश दिया जाए, जिससे आसामाजिक तत्वों की पहचान हो सके। चौधरी ने शहर की आयोजन समितियों से अपील की है कि सांस्कृति कार्यक्रम, गरबा व डांडिया में अश्लील गानों का उपयोग न करे एवं युवक युवतियों को भारतीय परिधान में ही प्रवेश दे। जिससे हमारे पवित्र त्यौहार की परम्परा बरकरार रहे और कोई हमारे आयोजन का मजाक न उड़ा सके। साथ ही प्रवेश के दौरान मस्तिष्क पर तिलक लगाकर ही प्रवेश दिया जाए। उमेश चौधरी ने कहा कि यदि आयोजन के दौरान अश्लील गाने बजाते हुए यदि कोई पकड़ाया जाता है तो उस पर संगठन कानूनी कार्यवाही कराएगा। जिसकी जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी।