• कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेंद्र ठाकुर और निगम स्वास्थ्य एवं खाद्य निरीक्षक हरेंद्र सिंह ठाकुर ने किया बेकरियों का निरक्षण
देवास। शहर में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन के निर्देशन मे सख्त कार्यवाही करते हुये नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने बुधवार को शहर की कई बेकरियों का जिला पर्यावरण अधिकारी निकीता बर्डे के निर्देश मे निरीक्षण किया। इस दौरान लकडि़यों से संचालित ओवन का उपयोग करते पाए जाने वाले बेकरी संचालकों व बिना लायसेंस के अपना व्यवसाय संचालित करने पर जुर्माना लगाया गया और स्वच्छता मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। दल ने आठ प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लकड़ी आधारित बॉयलरों और ओवन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रशासन की ओर से इस संबंध में पूर्व से ही जानकारी दी जा चुकी थी। बावजूद इसके, कई बेकरी संचालक अब भी नियमों का उल्लंघन कर लकडि़यों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। संयुक्त दल ने इटावा स्थित श्रीकृष्णा नमकीन एंड एवरफ्रेश का निरीक्षण किया। किचन में गंदगी और व्यापार लाइसेंस न होने के कारण 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद आनंद नगर स्थित जरीन बेकरी पर जांच की गई, जहां लकड़ी से ओवन संचालन पाया गया। संचालक को 15-20 दिनों के भीतर इलेक्ट्रिक ओवन लगाने का आश्वासन देने के साथ 1 हजार रुपए का अर्थदंड देना पड़ा। टोस्ट वाली गली में लक्की बेकरी के निरीक्षण के दौरान लकड़ी आधारित ओवन और अनरिन्यूड लाइसेंस मिलने पर 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। न्यू मदीना होटल, युनुस एग्ज सेन्टर, नफीस बेकरी,अशीक होटल आदि पर खाद्य सामग्री मे जलाउ लकडी का उपयोग करने पर इन प्रतिष्ठानों से 4 हजार 5 सौ की चालानी कार्यवाही की गई। इन निरीक्षणों में कुल 8 हजार 500 रुपए का चालान कर अर्थदंड वसुला गया। निगम स्वास्थ्य एवं खाद्य निरीक्षक हरेंद्र सिंह ठाकुर ने बेकरी संचालकों को चेतावनी दी कि स्वच्छता मानकों का पालन न करने और लकड़ी आधारित ओवन का उपयोग जारी रखने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सभी बेकरी संचालकों को कर्मचारियों के लिए ग्लव्ज और कैप अनिवार्य करने और इलेक्ट्रिक ओवन अपनाने का निर्देश दिया गया। कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि हमारा ध्यान खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर भी है। उन्होने कहा कि व्यवसाई अपने प्रतिष्ठानों के परिसरों में स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखें। प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में उठाए गए कदम प्रशासन ने लकडि़यों के इस्तेमाल को रोकने के साथ-साथ व्यापार लाइसेंस, स्वच्छता और पर्यावरणीय मानकों का पालन करवाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक और पर्यावरण-अनुकूल उपकरणों का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा ताकि शहर को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।