• जनसेवा की खबर आज भी पत्रकारिता में ऊंचा स्थान रखती है : वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी
• पहले छोटी खबर भी आंदोलन बन जाती थी, आज आंदोलन का भी खबर बनना मुश्किल : वरिष्ठ पत्रकार ललित उपमन्यु
देवास। प्रेस क्लब देवास द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला एवं पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन मल्हार स्मृति मंदिर सभाकक्ष में किया गया। आयोजन में जिले भर के सैकड़ो पत्रकार शामिल हुए। कार्यक्रम अपने मूल उद्देश्य पत्रकारों के समर्पण, कार्यशैली, सामाजिक भूमिका तथा समसामयिक चुनौतियों पर संवाद स्थापित करने की भावना को सफल करने में सफल हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्वान पंडित जी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से सम्पन्न करवाए गए मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन, पूजन, अर्चन से प्रारंभ हुई, सर्वप्रथम प्रेस क्लब अध्यक्ष ललित शर्मा ने स्वागत भाषण दिया जिसके बाद प्रेस क्लब सचिव शेखर कौशल द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा एवं प्रेस क्लब देवास के संदर्भ में जानकारी प्रेषित की।
कार्यशाला में अतिथिवक्ता, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सीनियर जर्नलिस्ट ज्ञानेंद्र तिवारी, भोपाल, प्रिंट मीडिया से वरिष्ठ पत्रकार ललित उपमन्यु इंदौर एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की प्रोफेसर डॉक्टर वंदना जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए।
सर्व प्रथम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की प्रोफेसर डॉ. वंदना जोशी ने ए आई तकनीक (आर्टिफिशियल इवेंट्स ) के नफा, नुकसान एवं जीवन में एआई के प्रभाव पर प्रकाश डाला। जिसके पश्चात प्रिंट मीडिया से वरिष्ठ पत्रकार ललित उपमन्यु जी ने पुराने दौर की पत्रकारिता और आज के दौर की पत्रकारिता में अंतर एवं आज के समय पत्रकारिता को कैसे करना चाहिए इसे कार्यशाला में विस्तार से समझाया। उपमन्यु जी ने कहा कि पहले छोटी खबर भी आंदोलन बन जाती थी, आज आंदोलन का भी खबर बनना मुश्किल है। इसके अपने अपने कारणों से आप सभी वाकिक है। आगे उन्होंने कहा कि कही पत्रकारों से सुनता हु कि आज के समय में पत्रकारिता में बेदम हो गई है लेकिन अगर पत्रकार में दम है तो पत्रकारिता में आज भी बहुत बहुत दम खम के साथ काम किया जा सकता है।उपमन्यु जी ने अपनी पत्रकारिता के सफर के किस्सों से सबको रूबरू कराकर उससे सीखने की प्रेरणा दी। कार्यशाला की अगली कड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सीनियर जर्नलिस्ट ज्ञानेंद्र तिवारी जी ने कहा कि पत्रकारिता की कार्यशैली, दिशा, दशा, तकनीक सभी कुछ बदल गया है। यह नहीं कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर नहीं है, लेकिन चुनौतियां भी काफी है। आज मीडिया संस्थान हावी है। उनकी अपनी विवशताएं है। खर्च की चुनौती है। संस्थान के लिए सरकार का रेवेन्यू अधिक महत्व रखता है। सबसे बड़ी बात यह है कि आज पत्रकारिता पर विश्वास का संकट खड़ा हो गया है। एक समय था छोटी से छोटी खबर भी खासी असरदायक होती थी, जबकि आज खबरों की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में खड़ी हैं। यद्यपि जनता जनार्दन की खबरें आज भी कारगर ओर असरदायक होती है। समय के साथ साथ पत्रकारिता का नीति, चलन, उद्वेश्य परिवर्तित हुआ है। पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, आपातकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण से जुड़ी रही पत्रकारिता में सन 2014 के बाद राष्ट्रवाद तिवारी जी ने कार्यशाला में उपस्थित पत्रकारों से संवाद कर अपने विचारों से उनके उत्तर दिए। तीनों वक्ताओं ने पत्रकारों से खचाखच भरे सभागृह को करीब 2 घंटे तक बांधे रखा।
कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत प्रेस क्लब के अध्यक्ष ललित शर्मा, सचिव शेखर कौशल, उपाध्यक्ष खुमान सिंह बेस, शकील खान, सहसचिव अशोक पटेल कोषाध्यक्ष सिद्धार्थ मोदी, कार्यकारिणी सदस्य चेतन राठौड़ एवं अरुण परमार, शैलेंद्र सिंह अड़ावदिया, राजेंद्र चौरसिया, खूबचंद मनवानी, जितेंद्र शर्मा ने किया।
वक्ताओं के उद्बोधन के बाद कार्यशाला में शहर के वरिष्ठ पत्रकारगण असलम खान, तरुण मेहता, अनिलराज सिंह सिकरवार, श्रीकांत उपाध्याय, अतुल बागलीकर, विनोद जैन, अतुल शर्मा, हेमंत शर्मा, दिलीप मिश्रा, मुन्ना वारसी, जगदीश सेन, पंडित राजकुमार चंदन का सम्मान किया गया।
कार्यशाला में देवास ग्रामीण क्षेत्र के नेवरी, हाटपिपलिया, बागली, सोनकच्छ, बरोठा, टोंक, भंवरासा, कन्नौद, खातेगांव, नेमावर, कांटा फोड़, पुंजापुरा, सतवास, पानीगांव, सहित जिले के दूर दराज से सैकड़ो पत्रकार साथी किसी एक दिवसीय कार्यशाला में सम्मिलित होने आए समस्त पत्रकारों को सम्मान पत्र एवं उपहार प्रदान किए गए, मंच संचालन वरिष्ठ पत्रकार अरविंद त्रिवेदी द्वारा किया गया आभार उपाध्यक्ष खुमान सिंह बैस ने माना।