- शासन की तरफ से पुलिस ने दर्ज कराई डॉक्टर पर प्राथमिकी
देवास। सोमवार शाम को औद्योगिक थाने पर शासन की तरफ से पुलिस ने 24 म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। एक बच्चे की ईलाज के दौरान मृत्यु हो जाने को लेकर पीड़ित परिवार के थानें पर आने के बाद यह प्रथिमिकी दर्ज कराई गई है।
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम, 1987 के तहत, अधिकृत न होने के बावजूद चिकित्सा का व्यवसाय करना गंभीर अपराध है. इस अपराध में धारा 24 के तहत आरोप लगाया जा सकता है.
दरअसल एक परिवार अपने बालक का इलाज शहर के सनसिटी पार्ट 02 देवास के निवासी 58 वर्षीय डॉ कन्हैयालाल राठौर के यहां करा रहे थे। बालक का इलाज डॉ राठौड़ ने 23 नवंबर से 26 नवंबर तक किया। जिसके बाद बालक को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। जहा इलाज के दौरान बालक को मृत्यु हो गई। जिसके बाद पीड़ित परिवार थाने पहुंचा जहा उन्होंने आरोप लगाया की आरोपी फर्जी डाक्टर राठौड़ द्वारा अपने आप को डाक्टर बताते हुए मृतक बालक सही इलाज नही किया गया। जिससे बालक का स्वास्थ्य खराब होता गया व बोम्बे हॉस्पिटल इंदौर मे ईलाज के दौरान बालक की मृत्यु हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सोमवार रात करीब पौने आठ बजे शासन की ओर से डॉक्टर पर 24 म.प्र. आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की। मामले की विवेचना औद्योगिक थाने में पदस्थ अप निरक्षक गोविंद सिंह बडोलिया कर रहे है।
मामले को लेकर राठौड़ जी से बात करने को लेकर उन्हें कॉल लगाया गया पर कॉल उठाने के बाद जैसे ही उनसे कुछ पूछा तुरंत कॉल काट दिया गया।