• माता टेकरी पर सीढ़ी मार्ग द्वार पर पूजा कर शुभ मुहूर्त में जमा किया नामांकन
देवास। देवास विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी गायत्री राजे पवार ने सोमवार को शुभ मुहूर्त में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन फार्म जमा किया। नामांकन फार्म के पूर्व उन्होंने माता टेकरी के सीढ़ी द्वार पर पूजन अर्चन किया जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नामांकन जमा किया।नामांकन जमा करने हेतु उनके साथ बड़ी संख्या में रेली के रूप में भाजपा समर्थित लोग भी शामिल हुए। नामांकन फार्म भरने के साथ ही भाजपा प्रत्याशी राजे ने जनसम्पर्क की शुरुआत की।
मेरा मुकाबला व्यक्ति विशेष से नहीं विपक्ष से है – गायत्री राजे पवार
• देवास की जनता मेरा परिवार, इस परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया है..
देवास विधानसभा को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। क्योंकि यह सीट वर्ष 1990 से लगातार भाजपा के कब्जे में रही है 1990 से 2015 तक स्वर्गीय पवार यहां से विधायक रहे। तुकोजीराव पवार के निधन के बाद वर्ष 2015 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी श्रीमंत गायत्री राजे पंवार चुनावी मैदान में उतरी और तब से ही श्रीमंत गायत्री राजे पंवार यहां से विधायक है।विधायक गायत्री राज्य पवार ने बताया कि हम इस बाहर भी चुनाव में अपने किए गए विकास कार्य को लेकर ही जनता के बीच में जा रहे हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार से चुनौती के विषय में विधायक ने बताया कि मैं चुनाव को हल्का न समझ कर महत्वपूर्ण मानती हूं मेरा मुकाबला किसी व्यक्ति विशेष से नहीं विपक्ष से है।देवास की जनता हमारा परिवार है जिसे स्वर्गीय तुकोजीराव पवार मुझे सौप कर गए हैं। इस परिवार ने हमेशा मेरा ध्यान रखा है और मुझे मेरे परिवार पर पूरा भरोसा है।राजमाता श्रीमंत गायत्रीराजे पवार देवास की पहली महिला विधायक हैं। यही कारण है कि उनके के ह्रदय में आमजन के प्रति संवेदनाएं हैं। ऐसे कई विकास कार्य हैं जो राजमाता को विशेष बनाते हैं जिन्हे ही चिन्हित करके वो अपने चुनावी जनसंपर्क में हथियार बना कर इस्तेमाल कर रही है। राजपरिवार से जुड़ी होने के बावजूद वे जिस सहजता से आमजन के बीच जातीं हैं, उसकी सभी प्रशंसा करते हैं।कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को भाजपा की गायत्री राजे पंवार से मुकाबला करने के पूर्व अपनी ही कांग्रेस से मुकाबला करना होगा क्योंकि कहा यह जाता है कि कांग्रेस का हर बार चुनाव हारने की एक मुख्य व बड़ी वजह अपने अंदर की अंतर कलह भी है अगर इस बार भी ऐसा कुछ होता है तो प्रदीप चौधरी को भाजपा या कहे गायत्री राजे पंवार का यह किला भेदना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।गायत्री राजे पंवार का चुनावी सफरवर्ष 2015 में विधायक तुकोजीराव के निधन के बाद उपचुनाव में गायत्री राजे पंवार विधायक के रूप में चुनी गई। जिसमें उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश शास्त्री को 30778 मतों से पराजित कर विजय प्राप्त की थी।वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की और से गायत्री राजे पवार प्रत्याशी थीं वहीं कांग्रेस ने जयसिंह ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमे कुल मतदान का लगभग 55 प्रतिशत मत भाजपा को तो लगभग 40 प्रतिशत वोट शेयर कांग्रेस को प्राप्त हुआ था। जिसमें गायत्री राजे पवार लगभग 28 हजार वोटों से विजयी हुई। हालांकि इस बार कांग्रेस ने उनके सामने प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा है।