देवास विकास प्राधिकरण की आसंदी पर यादव की ताजपोशी से कार्यकर्ताओं में हर्ष
देवास। देवास विकास प्राधिकरण की आसंदी पर भाजपा के जिला महामंत्री एवं पार्षद राजेश यादव की ताजपोशी को स्थानीय स्तर पर कई प्रकार के नजरिये से देखा जा रहा है। राजनीति के जानकार इसे भाजपा में राजेश ” राज “ं की संज्ञा दे रहे है। इसके भी अनेक एवं गुढ़ मायने निकाले जा रहे है। जानकारो की राय में राजेश ” राज ” का आशय व्यक्ति से नहीं होकर भाजपा के कार्यकर्ता से जोड़ा जा रहा है।
देविप्रा अध्यक्ष पद पर राजेश यादव की नियुक्ति के अगले ही दिन भाजपा के 44 वें स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यकर्ताओं को अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो बड़ी बाते कही। एक तो यह कि भाजपा लोकतंत्र के अमृत से पोषित है। दुसरी हमे अपनी मुल विचारधारा के प्रकाश में ही आगे बढऩा है, लक्ष्य हांसिल करना है। सामान्यत: मीडिया, सोशल मीडिया में राजनीति या किसी दल विशेष से जुड़ी हुई बातों, क्रियाकलापों एवं नियुक्तियों को अक्सर गुटीय चश्मे से देखा जाता है, लेकिन देविप्रा अध्यक्ष पद पर राजेश यादव के मनोनयन के साथ ही मोदी जी के उपरोक्त दोनो कथनो को आंका जाए तो भाजपा में कार्यकर्ता ही सर्वोपरि की तस्वीर एकदम साफ हो जाती है। जब वे कहते है कि हमारा संगठन लोकतंत्र के अमृत से पोषित है तो उसमे बाहृय के साथ ही आन्तरिक लोकतंत्र भी समाहित है। जिसके बलबुते पर ही एक साधारण कार्यकर्ता को अपनी योग्यता, क्षमता, दक्षता, सक्रियता के साथ आगे बढऩे का अवसर प्राप्त होता है। जहां संगठन नेतृत्व अपने कार्यकर्ता को संतान के समान पोषित-पल्लवित कर निरन्तर उत्कर्ष की और गतिमान रखने का उपक्रम करता है। राजेश यादव की नियुक्ति भाजपा में उसी प्रकार के आन्तरिक लोकतंत्र एवं कार्यकर्ताओं को सहेजने-संवारने का प्रतिफल है। जिसकी ताकत पर मात्र 43 वर्ष के अन्तराल में ही भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर खड़ी है, जबकि 137-138 वर्ष पुरानी कांग्रेस दुर्गति का शिकार हो रही है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात कांग्रेस अपने आन्तरिक लोकतंत्र को सुदृढ़ करने की बजाय परिवारवाद, वंशवाद के आगे नतमस्तक हुई। कार्यकर्ताओं की शक्ति खड़ी करने की अपेक्षा क्षेत्रिय क्षत्रपों को पोषित-पल्लवित किया। नतीजतन बीते वर्षो में अनवरत टूटती-बिखरती हुई कांग्रेस सिमटकर आज अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का दुसरा अपनी मुल विचारधारा के प्रकाश में आगे बढऩे वाला कथन भी राजेश यादव के व्यक्तित्व, कार्यशैली एवं आचरण पर खरा प्रतीत होता है। बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध श्री यादव विगत तीन दशको के अधिक समय से सामाजिक, धार्मिक एवं राजनैतिक क्षैत्र में निरन्तर गतिमान है। लम्बे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने के उपरांत उन्हे भाजपा में जिला महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। वर्तमान में वे दुसरी बार जिला महामंत्री का पदभार निभा रहे है एवं नगर निगम में पार्षद भी है।
चुनोतियों का सामना करते हुए आगे बढ़े
बीते वर्षो में राजेश यादव को चुनोतियों एवं राजनैतिक उतार चढ़ाव का सामना भी करना पड़ा, लेकिन जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी कहते थे कि भाजपा का कार्यकर्ता कभी हारता नहीं, वह या तो जीतता है या सीखता है। उसी प्रकार विविध चुनौतियों एवं उतार चढ़ाव से सीखते हुए श्री यादव संगठन को सर्वोपरि मानकर, राष्ट्रवाद एवं हिन्दुत्व की विचारधारा को आत्मसात कर सक्रियता के साथ निरन्तर चलायमान रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल का संबल उनके साथ सदैव जुड़ा रहा। देविप्रा अध्यक्ष पद पर उनके मनोनयन से भाजपा के युवा एवं वैचारिक स्तर के कार्यकर्ताओं में हर्ष है।