• 2021 के शुरुआती तीन माह की तुलना में इस वर्ष समान समयावधि में हुआ 27% का इजाफा
• 15 माह में प्रदेश में प्रतिदिन 24 महिलाओं/बच्चियों का हुआ अपहरण
देवास। जिले में महिलाओं व बच्चियों के अपहरण में मामलों में वर्ष 2021 के शुरुआती तीन माह (जनवरी से मार्च) के मुकाबले वर्ष 2022 के शुरुआती तीन माह (जनवरी से मार्च) में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो भोपाल के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 के शुरुआती तीन माह (जनवरी से मार्च) तक 41 अपहरण की घटना हुई थी तो वही वर्ष 2022 के इसी समयावधि में यह घटना बढ़कर 52 हो गई।

प्रदेश में पिछले 15 माह में प्रतिदिन औसतन 24 महिला व बच्चियों का अपहरण हुआ है। बात करें जनवरी 2021 से मार्च 2022 तक की तो कुल 10,957 बेटियों के अपहरण की घटना घटित हो चुकी है। प्रदेश में महिलाओं व बच्चों के अपहरण की सबसे ज्यादा वारदात इंदौर में हुई है। इंदौर में जनवरी 2021 से मार्च 2022 तक कुल 909 महिलाओं बच्चों के अपहरण के मामले सामने आए हैं। इंदौर पुलिस आयुक्त इसकी वजह इंदौर की अधिक जनसंख्या और इंटरनेट मीडिया पर जान से दोस्ती बताई है। उन्होंने कहा है कि इंटरनेट मीडिया पर अनजान से दोस्ती करना और दोस्ती के बाद बहला-फुसलाकर ले जाने के कई मामले सामने आए हैं।


बात करें देवास की तो स्टेट क्राइम ब्यूरो भोपाल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देवास में वर्ष 2021 के जनवरी से मार्च 2022 तक 248 महिला व बच्चों के अपहरण की घटना घटित हुई है। पिछले दिनों में लव जिहाद की भी काफी घटना सामने देखने को मिली थी। वर्ष 2021 के जनवरी से मार्च तक के अपहरण के मामले के तुलनात्मक वर्ष 2022 के इसी समयावधि के मामलों में 27% की बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2021 में जनवरी से मार्च माह तक महिलाओं और बच्चियों के अपहरण के मामले की संख्या 41 थी जो वर्ष 2022 में जनवरी से मार्च माह तक यह संख्या बढ़कर 52 हो गया है।
देवास पुलिस अधीक्षक शिवदयाल सिंह गुर्जर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जब कोई महिला या बच्ची का अपहरण होता है तो जब उन्हें पुलिस द्वारा रिकवर कर घर वालो को सौंपा जाता है। उसमे नाबालिका भी रहती है। जब उनके बयान लिए जाते है तो उनके साथ रेप को घटना हुई होती है, जिस कारण उन अपराधो में अपहरण के साथ साथ रेप के धाराएं भी जुड़ जाती है और वह अपराध की अपहरण की श्रेणी से हटकर रेप की श्रेणी में दर्ज हो जाता है। अगर अपहरण की गई बालिका नाबालिक है तो उसकी मर्जी से भी अगर वह किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है तो वह मामला रेप की श्रेणी में आता है।
इस सब कार्यवाही में थोड़ा समय में लगता है। लेकिन जब यह अपराध के कुछ प्रकरण रेप की श्रेणी में दर्ज हो जाते है जिसके बाद आप तुलना करेंगे 2021 के शुरुआती तीन माह के आंकड़े और 2022 के शुरुआती तीन माह के आंकड़े की तो वर्ष 2022 के आंकड़े 2021 के मुकाबले कम होंगे या लगभग इसके बराबर होंगे।
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आजकल सोशल मीडिया के कारण ऑनलाइन दोस्ती के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। इस कारण महिलाएं वह बच्चियां अपराधियों के चंगुल में फंस जाती है कई बार तो लड़कियां और महिलाएं सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो जैसी निजी जानकारी शेयर कर देती है। आरोपी इसका फायदा उठाकर, उनसे नजदीकिया बड़ाकर फायदा उठाते हैं और कई बार अब तक करते हैं।
अपहरण में साथ जाने वाली अगर नाबालिका हो तो उसके अपने मर्जी से साथ जाने पर भी वह अपराध की श्रेणी में आता है।
इस तरह के अपराध रोकने के लिए जरूरी है कि लड़कियों को सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए।