बागली/ देवास – भौगोलिक दृष्टि से जिले की सबसे बड़ी विकासखंड एवं जनपद बागली मैं लगभग 400 लोगों की कोरोना वरियर्स टीम कोरोना चैन को तोड़ने के लिए घर घर संपर्क कर चिन्हित करके प्रभावित लोगों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवा रही है इस पूरे कार्य में 117 ग्राम पंचायत के सचिव, सह सचिव ,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,आशा कार्यकर्ता, एएनएम ,की मानिटरिंग हो रही है! जिनकी संख्या 400 से अधिक है। उक्त टीम के द्वारा विगत 7 दिनों में लगभग 14 सौ परिवारों में प्राथमिक उपचार किट बांटी गई है। उक्त कीट में मेडिकल गाइड लाइन की सभी दवाई उपलब्ध है। जो संक्रमित व्यक्ति एवं प्रभावित व्यक्ति के लिए बड़ी औषधि है।
कैसे होता है इतने बड़े भौगोलिक क्षेत्र का संचालन
सुनने में संचालन बहुत अच्छा लगता है। लेकिन भौगोलिक दृष्टि से दूर-दूर पहाड़ी क्षेत्र एवं जंगलों में बसावट परिवारों में यह सब पहुंचाना आसान नहीं है !इसके लिए बागली जनपद द्वारा 10 कलस्टर बनाए गए हैं
जिनके प्रभारी जनपद सेक्टर अधिकारी है। बागली जनपद में कंट्रोल रूम बना हुआ है। जिनमें हर दो कलस्टर पर एक प्रभारी सुपर विजन देखता है। ऐसे ही 10 कलस्टर पर पांच प्रभारी बनाए गए हैं। जिनमें एक-एक सहायक ऑपरेटर भी नियुक्त किया गया है।
इस बीच पॉजिटिव लोगों के प्रति दिन फोन आने पर उनकी भी उपचार में मदद की जा रही है!
इस संबंध में बागली जनपद सीईओ अमित व्यास ने बताया कि बागली अनुविभागीय अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ टीम का मार्गदर्शन भी मिलता रहता है !कोरोना की जो भी गाइडलाइन तय होती है उसके हिसाब से इस संक्रमण की चैन को हरसंभव तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है !लोगों में जागरूकता लाने के लिए सामूहिक कार्यक्रम पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। जहां कहीं भी समाचार मिलते हैं। तो कारवाही भी की जाती है। पॉजिटिव व्यक्ति की हौसला अफजाई के लिए भी टीम उसके हाल-चाल पूछ कर उसे संतुष्ट करती है। बागली अनुविभागीय अधिकारी अरविंद चौहान एवं तहसीलदार राधा महंत ने बताया कि भौगोलिक दृष्टि से बागली सबडिवीजन बड़ा होने के चलते टीम भावना के अंतर्गत ही यह सब काम हो रहा है। प्रत्येक परिवार तक हमारी टीम का सदस्य पहुंच चुका है! ग्रामीण स्तर पर संक्रमित परिवारों को उनके ही घर पर होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। अत्यधिक प्रभावित व्यक्ति को बागली सामुदायिक अस्पताल या जिला अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
जनपद क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में मरीजों के रखने की इमरजेंसी व्यवस्था हेतु क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 5 से 10 मरीजों को रखने की व्यवस्था की गई है।सभी 117 ग्राम पंचायतों बने अस्थाई क्वॉरेंटाइन सेंटर में जरूरत पड़ने पर 5 से 10 मरीजों को रखा जा सकता है।
✍️ सुनील योगी