रेलवे अभी केवल 115 यात्री स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, हालांकि ये सभी ट्रेनें अपने नियमित रूट और समय पर ही संचालित की जा रही हैं। इन्दौर की ट्रेनों के मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इस बीच पश्चिम रेलवे ने बड़ी संख्या में पार्सल स्पेशल ट्रेन चलाई, जिससे दूसरे शहरों और प्रदेशों में आवश्यकता का सामान पहुंचाया गया। रेलवे ने मार्च के अंतिम सप्ताह से कोविड-19पार्सल स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू की थी और अभी तक इनका संचालन जा रही है। इन्दौर से माल का परिवहन देवास, उज्जैन, रतलाम, नागदा से संचालित ट्रेन से किया गया।
इसी सप्ताह रेलवे ने देवास से लखनऊ के लिए पार्सल स्पेशल ट्रेन चलाई। कोविड-19 पार्सल ट्रेनों के नाम से चलाई गई 417 ट्रेनों से करीब 82 हजार टन माल को दूसरे शहरों में पहुंचाया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 23 जुलाई तक लगभग 82 हजार टन वजन वाली अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन किया। कुल 417 ट्रेनें चलाई गई, जिसमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि भेजा गया। इससे रेलवे को 26 करोड़ 10 लाख रुपए की आय भी हुई है। इन ट्रेनों में 62 मिल्क स्पेशल ट्रेनें भी थीं, जिसमें 46 हजार 800 टन से अधिक का भार था और वैगनों के उपयोग से लगभग 8.07 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार, 30 हजार टन से अधिक भार वाली 342 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गई।