देवास। झारखंड में स्थित श्री सम्मेद शिखर तीर्थ के लिए शनिवार रात शहर से बड़ी संख्या में धर्मावलंबियों ने प्रस्थान किया। श्री सम्मेद शिखर तीर्थ विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल भी है। यंहा पर जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया है।
दरअसल शनिवार रात तकरीबन 12 बजे ट्रेन से करीब 800 धर्मावलंबी श्रीसम्मेद शिखर तीर्थ के लिए रवाना हुए। यात्रा में बच्चे बूढ़े भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। साथ ही सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी भी सहपरिवार यात्रा में शामिल हुए। 6 दिवसीय इस यात्रा के मुख्य संघपति के रूप में छाबड़ा परिवार है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे लोगो का भारी जमावड़ा वहा देखने को मिला जिसे देखकर हर कोई आचंभित था वहा मौजूद लोगों ने कहा कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रा करने जा रहे लोगो को पहली बार देखा है। स्टेशन पर पहुंचे लोगों का ढोल बजाकर एवं तिलक लगाकर माला पहनाकर सम्मान भी किया गया। यात्रा में समाज के तकरीबन 8 डॉक्टर की टीम भी शामिल है।
जैन समाज के निलेश जैन छाबड़ा ने बताया कि पूर्व में भी श्री सम्मेद शिखर तीर्थ की यात्रा होती रही है पर पुरी समाज एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पहली बार जा रहे है। आज से 6 माह पूर्व यात्रा पर जाना था लेकिन एनवक्त पर ट्रेन कैंसिल हो गई थी। इस वजह से उस समय यात्रा कैंसिल हो गई थी। यह ऐसी जगह है जहां व्यक्ति अपने पुण्य से ही जा सकता है।
सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि निलेश छाबड़ा परिवार द्वारा जैन समाज के सभी भक्तों को सम्मेद शिखर तीर्थ के लिए वंदना करने के लिए लेकर जा रहे है। मेरी भी जैन समाज में आस्था है। में जैन धर्म के नियमों का अनुसरण करता हूं। इस यात्रा का प्रोग्राम लगभग 6 माह पहले बन चुका था। मैंने तभी अपनी सहमति दी थी। यात्रा जाएगी तो में भी अपने परिवार सहित सम्मेदशिखर तीर्थ जाकर दर्शन करूंगा।
भारत की सिनेमा की दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड्स यानी नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स National Film Award के अनाउंसमेंट का स्टार्स और उनके फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता है।
साल 2023 में ये मौका आ गया है। 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स (69th National Film Awards) की 24 अगस्त यानी गुरुवार की शाम की घोषणा कर दी गई है। 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर Best Actor का अवॉर्ड अल्लू अर्जुन allu arjun को मिला है।
बेस्ट एक्ट्रेस Best Actress का अवॉर्ड संयुक्त रूप से आलिया भट्ट alia bhatt और कृति सेनॉन kriti sanon को मिला है। बेस्ट फिल्म Best Film का अवॉर्ड सरदार उधम Sardar udham Singh सिंह को मिला है।
69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं की पूरी लिस्ट-
बेस्ट फीचर फिल्म : सरदार उधम, रॉकेट्री-द नांबी इफेक्ट्स
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा. इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है. सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा.
Under the National Food Security Act, food grains will be available free of cost to 81.35 crore beneficiaries till December 2023
इसके पूर्व सितंबर में सरकार ने इस योजना की समयसीमा को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. कोविड के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह योजना लाई गई थी. बीते 28 महीने में सराकर ने गरीबों को मुख्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए.। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मार्च 2020 में कोविड संकट के दौरान लागू किया गया था. इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलता है. इसके तहत बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम चावल मुफ्त दिया जाता है. बीते कई महीनों से इस योजना को बढ़ाया जा रहा है. इस योजना को सबसे पहले मार्च 2020 में पहले चरण 3 महीनों यानी अप्रैल-जून 2020 के लिए पहले चरण में लागू किया गया था. अब तक इस स्कीम के 7 चरण हो चुके हैं. मार्च 2022 में इसे 6 महीने के लिए यानी सितंबर तक बढ़ाया गया. उसके बाद तीन महीनों के लिए यानी दिसंबर और अब केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है
जैन समाज के महातीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के अपने फैसले को झारखंड सरकार ने वापस ले लिया है, अब सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाएगा।झारखंड सरकार द्वारा जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में बुधवार को जैन समाज सडक़ों पर उतरा व सरकार के इस फैसले पर नारागजी जाहिर की थी, मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झारखंड सरकार को इस फैसले को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद की गई।
जैन समाज के विरोध के चलते झारखंड सरकार को झुकना पड़ा। झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने का फैसला वापस ले लिया है, अब जैन तीर्थ सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल के रूप में ही पहचाना जाएगा। सुबह से लेकर दोपहर तक जहां जैन समाज सरकार के फैसले से नाराज थे, वहीं दोपहर में जैसे ही झारखंड सरकार ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया, बता दें कि जिस दिन से झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तभी से जैन समाज का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, बुधवार को तो जैन समाजजनों ने अपने काम धंधे बंद करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था, इसी के साथ विशाल रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की, जैन समाज को इस संघर्ष का लाभ् मिला और सरकार को जैन समाज के आगे झुकने पर मजबूर होना पड़ा।
देवास। भारतीय सेना में लड़कियों को रक्षा बलों के एनडीए परीक्षा के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलने के बाद लड़कियों ने अब इसमें भी बाज़ी मरना शुरू कर दी है। पिछले दिनों हुई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नौसेना अकादमी (NA) यूपीएससी एनडीए और एनए परीक्षा (1), 2022 परीक्षा में देवास की वैष्णवी गोर्डे ने अखिल भारतीय रैंक -3 (AIR 3) की है।
149वें बैच के लिए एनडीए की परीक्षा में लड़कियों के वर्ग में उन्हें एआईआर-2 मिला है। इस बार एनडीए परीक्षा के टॉप 3 में दो लड़कियां शामिल हैं। एनडीए परीक्षा में रुबिन सिंह ने प्रथम, अनुष्का अनिल बोर्डे ने दूसरा, जबकि वैष्णवी गोर्डे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कुल मिलाकर इस साल 519 उम्मीदवारों ने एनडीए एग्जाम को क्लियर किया है।
वैष्णवी देवास के सेन थॉम स्कूल में पढ़ती है। वैष्णवी ने वायु सेना का चयन किया है और वह पहले एनडीए और फिर वायु सेना अकादमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इसमें शामिल होंगी।वैष्णवी हमेशा बचपन से ही वायु सेना में शामिल होने की ख्वाहिश रखती थीं। उसकी माँ, जो देवास के एक कॉन्वेंट स्कूल में एक शिक्षिका है। पूर्व में वैष्णवी ने सिंगापुर में आयोजित दूसरी एशियाई पेनकैक सिलाट चैम्पियनशिप, 2016 में रजत पदक जीता था।
इंदौर में राहुल गांधी को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। बताया जा रहा है कि एक मिठाई दुकान पर धमकी भरा लैटर मिला है, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा के तहत इंदौर आने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। इस लैटर के सामने आने के बाद ही पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
दरअसल, जूनी इंदौर क्षेत्र में टाटा चौराहा स्थित एक मिठाई की दुकान पर एक लैटर मिला है, जिसमें राहुल की खालसा स्टेडियम में होने वाली सभा में हमला करने की बात लिखी है दुकान संचालक ने लैटर पढ़ते ही इसे पुलिस के हवाले किया है। पुलिस लैटर छोड़कर जाने वाले शख्स की तलाश कर रही है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 24 नवंबर को बुरहानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेगी। यहां राहुल गांधी खालसा स्टेडियम में रात रुकेंगे। हालांकि, अब पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
सीकर स्थित खाटूश्याम मंदिर आज रात 10 बजे से आगामी आदेशों तक बंद रहेगा। मंदिर कमेटी ने इसके लिए आदेश जारी किया है कि मंदिर में भक्तों के लिए सुलभ और व्यवस्था करने के लिए 13 नवंबर 2022 को रात 10 सुगम दर्शन बजे से खाटूश्याम मंदिर को आगामी आदेशों तक दर्शनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आगामी आदेश होने के बाद ही भक्त मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे।
बीते दिनों अधिकारियों के साथ मंदिर समिति की बैठक आयोजित की गई थी। खाटूश्याम मंदिर में गत आठ अगस्त को सुबह भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई थी। जिसके बाद मंदिर कमेटी और प्रशासन ने दर्शन व्यवस्थाओं में चेंज करने का निर्णय किया। मंदिर विस्तारीकरण के मद्देनजर आज से प्रवेश बंद कर दिया है।
मंदिर विस्तारीकरण अंतर्गत मुख्य मंदिर में भक्तों के प्रवेश और निकासी व्यवस्था को बढ़ाया जाएगा, 75 फीट मेला ग्राउंड में श्रद्धालुओं की लाइन बढ़ाई जाएगी, 75 फीट मेला ग्राउंड के बचे हुए हिस्से को शेड से कवर किया जाएगा,लखदातार मैदान में सीसी कवर्ड, टीन शेड और स्थायी जिगजैग बनाया जाएगा, लखदातार मैदान के एंट्री गेट और एग्जिट गेट पर निशान रखने के लिए व्यवस्था की जाएगी, लखदातार मैदान के बाहर एग्जिट गेट पर बड़ा गेट लगाया जाएगा साथ ही आदि कार्य किये जायेंगे
• यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का नि: शुल्क पंजीकरण अनिवार्य
देवास। पांच कैलाशों में से एक मणिमहेश यात्रा पारंपरिक एवं आधिकारिक तौर पर 19 अगस्त से लेकर 2 सितंबर 2022 तक होगी। यात्री/श्रद्धालु के बेस कैम्प हडसर में मैडिकल चैकअप में अस्वस्थ पाए जाने पर यात्रा पर जाने की अनुमति नही होगी। यात्रा के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य है बिना पंजीकरण के यात्रा करने पर किसी भी बेस कैम्प से वापिस भेजा जा सकता है। यात्रा के लिए प्रशासन ने पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोल दिया है। शिवभक्त यात्रा के लिए पोर्टल पर अपना नि:शुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। सुरक्षा कारणों से मणिमहेश यात्रा के इस वर्ष सभी श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। देवास शहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश की यात्रा पर जाते है जिसमे से एक बड़ा हिस्सा शहर के मां शिव शक्ति सेवा मंडल के सदस्यों का रहता है।
जानकारी देते हुए मां शिव शक्ति सेवा मंडल के विनोद जैन और भूपेंद्र ठाकुर ने बताया की मणिमहेश झील हिमाचल प्रदेश में प्रमुख तीर्थ स्थान में से एक बुद्धिल घाटी में भरमौर से 21 किलोमीटर दूर स्थित है। झील कैलाश चोटी पर 18,564 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। हर साल, भाद्रपद के महीने में हल्के अर्द्धचंद्र आधे के आठवें दिन, इस झील पर एक मेला आयोजित किया जाता है, जो कि हजारों लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, जो पवित्र जल में डुबकी लेने के लिए इकट्ठा होते हैं। भगवान शिव इस मेले/ जातर के अधिष्ठाता देवता हैं। कैलाश पर्वत को अजेय माना जाता है। कोई भी अब तक इस चोटी को माप करने में सक्षम नहीं हुआ है, इस तथ्य के बावजूद की माउंट एवरेस्ट सहित बहुत अधिक ऊंची चोटियों पर विजय प्राप्त की जा चुकी है। मणिमहेश झील के एक कोने में शिव की एक संगमरमर की छवि है, जो तीर्थयात्रियों द्वारा पूजी जाती जो इस जगह पर जाते हैं। पवित्र जल में स्नान के बाद, तीर्थयात्री झील के परिधि के चारों ओर तीन बार जाते हैं। झील और उसके आस-पास एक शानदार दृश्य दिखाई देता है। झील के शांत पानी में बर्फ की चोटियों का प्रतिबिंब छाया के रूप में प्रतीत होता है।
मणिमहेश विभिन्न मार्गों से जाया जाता है:
लाहौल-स्पीति से तीर्थयात्री कुगति पास के माध्यम से आते हैं। कांगड़ा और मंडी में से कुछ कवारसी या जलसू पास के माध्यम से आते हैं। सबसे आसान मार्ग चम्बा से है और भरमौर के माध्यम से जाता है। वर्तमान में बसें हडसर तक जाती हैं। हडसर और मणिमहेश के बीच एक महत्वपूर्ण स्थाई स्थान है, जिसे धन्चो के नाम से जाना जाता है जहां तीर्थयात्रियों आमतौर पर रात बिताते हैं। यहाँ एक सुंदर झरना है मणिमहेश झील से करीब एक किलोमीटर की दूरी पहले गौरी कुंड और शिव क्रोत्री नामक दो धार्मिक महत्व के जलाशय हैं, जहां लोकप्रिय मान्यता के अनुसार गौरी और शिव ने क्रमशः स्नान किया था | मणिमहेश झील को प्रस्थान करने से पहले महिला तीर्थयात्री गौरी कुंड में और पुरुष तीर्थयात्री शिव क्रोत्री में पवित्र स्नान करते हैं।
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या करेंः-
यात्री अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।
यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आए तथा बेस कैम्प हडसर में स्वास्थ्य जांच आवश्य करवाएं। पूर्णतय स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें।
चढाई धीरे-धीरे चढे, सांस फूलने पर वहीं रूक जाएं।
छाता, बरसाती, गर्म कपडे, गर्म जूते, टार्च एवं डंडा अपने साथ आवश्य लाएं।
प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें।
किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धि समस्या हेतु निकटतम कैम्प में सम्पर्क करें।
सफाई का विशेष ध्यान रखें।
दुलर्भ जडी बूटियों एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करेें।
इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में न लें व केवल भक्तिभाव एंव आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें।
किसी भी प्रकार का दान अथवा चढावा केवल ट्रस्ट के दान पात्रों में ही डालें।
यात्री मास्क तथा सेनिटाइजर साथ लाएं।
कोविड-19 नियमों का पालन करें।
यात्री अपना पहचान पत्र/आधार कार्ड यात्रा के दौरान साथ रखें।
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या न करेंः-
सुवह 04 बजे से पहले और शाम 05 बजे के बाद बेस कैम्प हडसर से यात्रा न करें।
बिना पंजीकरण एंव चिकित्सकीये रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
अपने साथियों का साथ न छोडे जबरदस्ती चढाई न चढें व फिसलने वाले जूते न पहने यह घातक हो सकता है।
खाली प्लास्टिक की बोतलें एवं रैपर इत्यादि खुले में न फेकें बल्कि अपने साथ वापिस लाकर कूडादान में डाले।
जडी बूटियों एंव दुर्लभ पौधों से छेड छाड न करें।
किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थो मांस मदिरा झ्त्यादि का सेवन न करें। यह एक धर्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता का ध्यान रखें
पवित्र मणीमहेश डल झील के आस-पास कच्चरा, गीले कपडे और स्नान उपरान्त अपने अधोवस्त्र इधर-उधर न फैकें तथा इन्हे नजदीक स्थापित कूडादान में डालें।
छः सप्ताह से ज्यदा गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
यात्रा के दौरान चप्पलों के बजाय जूतों का प्रयोग करें, क्योंकि रास्ता दुर्गम होने की वजह से चोट इत्यादि लग सकती है।
किसी भी प्रकार के छोटे रास्ते (Short Cut) का प्रयोग न करें।
प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे वातावरण दूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की कोई हानी न हो।
यात्रा के दौरान मौसम खराब होने पर हडसर व डल झील के बीच धन्छो, सुन्दरासी, गौरीकुण्ड एवं डल झील पर सुरक्षित जगह पर रूकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा आरम्भ करें।
झारखंड के जामताड़ा से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. एक महिला ने अपने पति की महज इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उसने उसे जींस पहनने से मना किया था. इस बात से नाराज पत्नी ने चाकू मारकर पति को मौत के घाट उतार दिया
घटना जामताड़ा थाना क्षेत्र के जोड़भीटा गांव की है. गांव के रहने वाले आंदोलन टुडू की शादी 2 महीने पहले पुष्पा हेंब्रम से हुई थी. मंगलवार रात पुष्पा हेंब्रोम जींस पहनकर मेला देखने के लिए गोपालपुर गांव गई हुई थी. जब वह वापस लौटी तो उसके पति ने एतराज जताते हुए कहा कि अब तुम्हारी शादी हो गई है और तुम जींस पहनकर मेला देखने मत जाया करो.
बस इतनी सी बात को लेकर उसकी पत्नी तैश में आ गई और चाकू से उस पर वार कर दिया जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया. परिवारवालों ने घायल अवस्था में युवक को धनबाद पीएमसीए ले गए जहां उसकी मौत हो गई. मृतक के पिता कर्णेश्वर टुडू ने बताया कि बेटा और बहू में जींस पहनने को लेकर विवाद हो गया था और इसी विवाद में बहू ने चाकू मारकर उनके बेटे की हत्या कर दी. महिला ने भी चाकू मारने के जुर्म को स्वीकार कर लिया है. इस हत्याकांड के बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है.
बिजली मंत्रालय ने राज्यों से खरीफ कटाई सत्र से पहले ताप बिजली संयंत्रों में कोयले के साथ ईंधन के रूप में बायोमास का भी इस्तेमाल करने के लिए एक समयबद्ध योजना बनाने को कहा है। इससे पराली जलाने में कमी आएगी और वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।वायु प्रदूषण की समस्या के हल तथा ताप बिजली संयंत्रों के कॉर्बन उत्सर्जन को घटाने के लिए बिजली मंत्रालय ने पिछल साल अक्टूबर में कृषि अपशिष्ट आधारित बायोमास के इस्तेमाल की नीति में संशोधन किया था।संशोधित नीति के तहत ताप बिजली संयंत्रों के लिए कोयले के साथ ईंधन के रूप में पांच से सात प्रतिशत बायोमास के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया गया था। पराली जलाने की वजह से देश को हर साल वायु प्रदूषण की समस्या से जूझना पड़ता है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि बिजली मंत्रालय ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कोयले के साथ बायोमास का ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए एक समयबद्ध नीति बनाने को कहा है। ताप बिजलीघरों के साथ स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) के लिए समयबद्ध योजना बनानी होगी।पत्र में मंत्रालय ने राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने संबंधित राज्य बिजली नियामक आयोग (एसईआरसी) के साथ इस मुद्दे को उठाएं जिससे बायोमास के इस्तेमाल को भी उनके शुल्क नियमनों में शामिल किया जा सके।बिजली मंत्रालय का यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि खरीफ की कटाई के बाद सर्दियों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति की हालिया समस्या की वजह से कोयले के साथ बायोमास का ईंधन के रूप में इस्तेमाल और महत्वपूर्ण हो जाता है।पत्र में बायोमास के इस्तेमाल के आर्थिक पहलू का भी जिक्र किया गया है। इसमें गया है कि आयातित कोयले की लागत ऊंची बैठती है जबकि बायोमास कम मूल्य पर उपलब्ध होता है।इसमें कहा गया है कि बायोमास पेलेट का ईंधन के रूप में इस्तेमाल (को-फायरिंग) न केवल पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल है, बल्कि यह बिजली संयंत्रों के लिए आयातित कोयले की तुलना में एक सस्ता विकल्प भी है।मंत्रालय ने कहा कि इस पहल को पूर्ण नीतिगत और नियामकीय समर्थन उपलब्ध कराने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि बिजली मंत्रालय ने पिछले साल जुलाई में ताप बिजली संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल के लिए एक राष्ट्रीय मिशन ‘समर्थ’ भी स्थापित किया था।मंत्रालय ने कहा कि इस पहल तथा मिशन निदेशालय (समर्थ) के प्रयासों ने उत्साहवर्द्धक प्रगति की है। इसे और तेज करने की जरूरत है।