देवास। मध्यप्रदेश सहित अन्य कई राज्यों में चुनाव तारीखों की घोषणा होते ही सभी पार्टियो ने बिगुल बजाते हुए चुनावी संग्राम का एलान कर दिया। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होना है। बात अगर देवास विधानसभा की जाए तो अभी तक यहां चुनावी माहौल नज़र नही आ रहा है।
देवास विधानसभा बीते 33 सालो से भाजपा का गढ़ रही है। देखना होगा क्या इस विधानसभा चुनाव में यहा उलट फेर होता है या भाजपा अपना राज यहा कायम रखेगी…?
भाजपा से जहा वर्तमान विधायक गायत्री राजे पवार इस बार वापिस मैदान में है तो कांग्रेस ने इस बार प्रदीप चौधरी को मौका दिया है।
दोनो प्रत्याशी अपनी और से पूरे दम खम से चुनाव प्रचार कर रहे है, एक और जहा भाजपा अपने किए गए पुराने कार्य गिना रही है। वही कांग्रेस ने अवैध कार्यों सहित शहर के विभिन्न मुद्दों के आरोपो पर चुनाव लड़ती दिखाई दे रही है।
दिवाली और चुनाव दोनो ही अब दूर नही है। कहा जा रहा है चुनाव के कारण दिवाली पर असर पड़े या ना पड़े पर चुनाव पर दिवाली का कितना असर होगा यह देखने वाली बात होगी। कहा जा रहा है की चुनाव का असली माहौल दिवाली बाद ही बनेगा।
देवास शहर की बात करे तो मतदाता ने पूरी तरह से चुपी साध रखी है जनता खुल कर किसी भी पार्टी का सपोर्ट करते नजर नही आ रही हैं। बहुत से मतदाता ऐसे है जोकह रहे है की बदलाव होना चाहिए पर देवास में राज परिवार को हराने वाला प्रत्याशी अभी तक तो कोई नही है। ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है की आखिर मतदाता के मन में क्या है। मतदाता का मौन प्रत्याशीयो के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। शहर में मुख्य सड़क एमजी रोड सहित वार्डो की गलियां हर बार चुनाव में पार्टियों के झंडे से भरी रहती है परंतु इस बार अभी तक तो यह पूरी तरह गायब है।
भाजपा की बात करे तो जिलाध्यक्ष से लेकर सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता देवास जिले की पांचों विधानसभा में प्रचार कर पार्टी को जीत दिलाने का प्रयास कर रहे है, शहर में भी भाजपा की बड़ी भारी टीम काम कर रही है।
वही कांग्रेस भी पांचों विधानसभाओ पर जीत हासिल करने का प्रयास कर रही हैं।
देवास विधानसभा में भाजपा के जनसमर्थन रैलियों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है तो कांग्रेस के जनसमर्थन में सिर्फ कुछ लोग ही दिखाई दे रहे है।
क्योंकि देवास के कार्यकर्ता भी शहर से ज्यादा सोनकच्छ में पार्टी का प्रसार करते हुए देखे जा रहे है।