• विधायक नर्मदा माइक्रो सिंचाई परियोजना की स्वीकृति के पहले किये गये प्रयास सार्वजनिक करें..
देवास। पं. रितेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता में बताया कि नर्मदा हाटपीपल्या माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने 7 फरवरी 2019 को पंडित रितेश त्रिपाठी के निवेदन पर परियोजना एवं प्रस्तावित डीपीआर बनाने के लिए विभागीय मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल को पत्र लिखा था। जिसकी डीपीआर बनकर भी तैयार हो गई थी, परंतु उक्त योजना को सरकार बदलने के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। उसके बाद लगातार मांगे विभिन्न तरह के आंदोलन से की गई थी इसके साथ ही देवास से भोपाल पदयात्रा करने पर योेजना को प्रशासकीय स्वीकृति हो गई थी। साथ ही कुल 462 ग्रामों में देवास सहित हाटपीपल्या, बागली एवं खातेगांव विधानसभा के 22 ग्रामों को भी नर्मदा का जल आसानी से कांग्रेस की पहल पर अब मिलेगा।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि प्रेस वार्ता का आयोजन करने का एक कारण यह भी है कि हमारे द्वारा लगातार नर्मदा माइक्रो परियोजना सिंचाई के साथ ही 72 ग्राम में पेयजल भी नर्मदा का का मिले यह मांग की गई थी। जिसकी मंजूरी अब मिलने पर देवास विधायक द्वारा इसका झूठा श्रेय लिया जा रहा है जो इनकी छोटी मानसिकता का उदाहरण है। त्रिपाठी ने कहा कि जब हमने आंदोलन की शुरूआत की तब विधायक गायत्री पवार ने कहा था कि ये नाटक कर रहे हैं इन्होंने 72 गांव नहीं देखें है। मैने सर्वे करवाकर योजना की स्वीकृति करवा दी है। बाद में खुद की सरकार के खिलाफ ध्यानआकर्षण प्रश्न पूछा कि जिसमें विभागीय मंत्री ने कहा कि देवास हाटपीपल्या विधानसभा को सिंचाई हेतु कोई कार्ययोजना नहीं है। सिंचाई योजना के संबंधित बात जो विधानसभा विधायक और मंत्री के बीच के हुए संवाद इस योजना की सत्यता पर अच्छा प्रकाश व्यक्त करते हैं। उसके बाद भी विधायक द्वारा आज पत्रकार बंधुओं सेे कहना कि इस योजना के लिए मैं पूरी तरह प्रयासरत थी तो यह तो दिखाई पड़ता है कि विधायक सिंचाई परियोजना के लिए कितनी चिंतित है ओर योजना के क्रियानिवत होने के बाद झूठा श्रेय लेने की कोेशिश कर रही हैं।